मुंबई: त्योहारी सीजन से ठीक पहले, रियल्टी सेक्टर पर निगरानी रखने वाली संस्था महाराष्ट्र रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (Maharashtra RERA) ने विभिन्न खामियों के लिए राज्य में 388 बिल्डरों के खिलाफ कार्रवाई की है और उनकी परियोजनाओं के बैंक खाते फ्रीज कर दिए हैं।
जिन बिल्डरों के खिलाफ कार्रवाई की गई है, उनमें पुणे से 89, ठाणे से 54, नासिक से 53, नागपुर से 41, पालघर से 31, रायगढ़ से 22, मुंबई से 20, सतारा से 13 और छत्रपति संभाजीनगर से 12 बिल्डर शामिल हैं। इनके अलावा कोल्हापुर से सात, सिंधुदुर्ग और वर्धा से छह-छह, रत्नागिरी और सोलापुर से पांच-पांच, अमरावती से चार, जलगांव, सांगली और अहमदनगर से तीन-तीन, वाशिम, चंद्रपुर और लातूर से दो-दो और अकोला, यवतमाल, एक्शन ने नांदेड़, धुले और बीड में एक-एक बिल्डर के खिलाफ भी कार्रवाई की गई।
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दरअसल, यह सख्त कदम पिछले हफ्ते उठाया गया था क्योंकि ये रीयलटर्स कथित तौर पर अपनी वेबसाइटों पर घर-खरीदारों को अपने संबंधित प्रोजेक्ट अपडेट प्रदान करने में विफल रहे और उसी के संबंध में महाराष्ट्र रेरा (Maharashtra RERA) के नोटिस का जवाब नहीं दिया। यहां एक अधिकारी ने कहा, रियलटर्स को अब अगली सूचना तक या जब तक वे सभी निर्देशों का पालन नहीं करते, इन परियोजनाओं में विज्ञापन, विपणन या फ्लैट/घर बेचने पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा। उप-रजिस्ट्रारों को भी आदेश दिया गया है कि वे इस साल की शुरुआत से इन दागी परियोजनाओं, विशेषकर संपत्तियों के लिए बिक्री समझौतों और बिक्री-विलेखों को पंजीकृत न करें।
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