प्रयागराज: महाकुंभ सनातन धर्म का सबसे बड़ा आयोजन होने जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुसार इस बार महाकुंभ को पहले से भी बड़ा और भव्य बनाने की तैयारी चल रही है। उत्तर प्रदेश सरकार के सहयोग से केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्रालय महाकुंभ के दौरान एक प्रदर्शनी का आयोजन कर रहा है, जिसमें भारत को आजादी दिलाने वाले महानायक चंद्रशेखर आजाद की पिस्तौल की प्रतिकृति भी प्रदर्शित की जाएगी। इसके अलावा संग्रहालय में मौजूद तमाम प्राचीन हथियारों की प्रतिकृतियां भी देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र बनेंगी।
Maha Kumbh 2025: क्रांतिकारियों की गाथा से कराया जाएगा परिचित
इलाहाबाद संग्रहालय के डिप्टी क्यूरेटर डॉ. राजेश मिश्रा के मुताबिक महाकुंभ के दौरान केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्रालय देश-विदेश से प्रयागराज आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं को भारत की आजादी के महान क्रांतिकारियों की गाथा से परिचित कराना चाहता है। इसी उद्देश्य से देश के महान क्रांतिकारियों के जीवन से जुड़ी लाइव प्रदर्शनी लगाने की तैयारी की जा रही है।
प्राचीन हथियारों की प्रतिकृतियां होंगी खास
केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्रालय ने महाकुंभ में प्रदर्शनी के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार से जगह मांगी थी। जिसके तहत राज्य सरकार संग्रहालय को जगह मुहैया करा रही है। इसमें लोग देश के महान क्रांतिकारियों के जीवन परिचय से रूबरू होंगे। साथ ही उन्हें आजादी की लड़ाई लड़ने वाले वीरों की कई अनकही कहानियों को जानने का मौका भी मिलेगा। वैसे तो यहां कई महान क्रांतिकारियों का जीवंत परिचय देखने को मिलेगा, लेकिन प्राचीन हथियारों की प्रतिकृतियां खास आकर्षण का केंद्र होंगी। इसमें सबसे खास होगी चंद्रशेखर आजाद की पिस्तौल। जिसे आजाद ने बामतुल बुखारा कहा था।
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बामतुल बुखारा की खासियत
चंद्रशेखर आजाद की पिस्तौल बामतुल बुखारा से गोली चलने के बाद उसमें धुआं नहीं निकलता था। इसलिए अंग्रेज यह नहीं जान पाते थे कि गोलियां कहां से आ रही हैं। यह कोल्ट कंपनी की .32 बोर की हैमरलेस सेमी ऑटोमेटिक पिस्तौल थी। इसमें एक बार में आठ गोलियों की मैगजीन होती थी। बड़ी संख्या में इतिहास प्रेमी और पर्यटक आज़ाद की पिस्तौल को देखने आते हैं। आज़ाद की यह पिस्तौल प्रयागराज के राष्ट्रीय संग्रहालय में रखी गई है। यह पिस्तौल संग्रहालय की आज़ाद गैलरी की शोभा बढ़ा रही है।