धमतरी: कुंभकारों एवं माटीशिल्पियों के आर्थिक तकनीकी एवं सर्वांगीण विकास तथा परंपरागत व्यवसाय को बढ़ावा देने और आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के उद्देश्य से कुरुद विधानसभा के ग्राम मंदरौद में कुम्हारों के लिए सर्वसुविधा युक्त भवन कर्मशाला सह प्रशिक्षण केंद्र छत्तीसगढ़ माटी कला बोर्ड बनाया गया था, जिसकी स्थिति बदहाल होती नजर आ रही है। करोड़ों रुपये से बने इस भवन को देखने वाला कोई नहीं है यहां आस-पास के कुम्हार आकर काम करना भी चाहते हैं लेकिन यहां सारी सुविधाएं नदारद है। यह केंद्र उद्घाटन के बाद से बंद पड़ा है।
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छत्तीसगढ़ माटी कला बोर्ड के कर्मशाला सह प्रशिक्षण केंद्र के बारे में किसान नेता शेखर चंद्राकर ने कहा कि, राज्य सरकार यूं तो छत्तीसगढ़ के रीति-रिवाज परंपरा और छत्तीसगढ़ संस्कृति को बढ़ावा देने की बात करती है, लेकिन दूसरी ओर यहां ग्राम परखंदा से तीन किलोमीटर दूरी पर स्थित महानदी के किनारे बनी माटी कला केंद्र के द्वारा कार्यशाला सह प्रशिक्षण केंद्र छत्तीसगढ़ माटी कला बोर्ड ग्राम मंदरौद विकासखंड कुरुद जिला धमतरी की स्थिति बदहाल होती जा रही है। यहां कुम्हारों के उत्थान के लिए छत्तीसगढ़ की पूर्ववर्ती भाजपा सरकार द्वारा बनाई गई माटी कला केंद्र की ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। यहां शौचालय भी बना था, उसे रेत खनन वालों द्वारा तोड़ दिया गया है।
ग्राम परखंदा के कुम्हार संतु कुम्हार, लक्ष्मण कुम्हार का कहना है कि यदि सरकार इस केंद्र को शुरू कर तो हम यहां आकर प्रशिक्षण लेकर काम करना चाहते हैं। जनपद सदस्य थानू साहू का कहना है सरकार ध्यान नहीं दे रही है। वहीं पूर्व जिला पंचायत सदस्य नीलम चंद्राकर का कहना है कि यहां करोड़ों रुपये से बने हुई इस भवन को बंद रखा गया है, इसे जल्द शुरू कराया जाएगा।
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