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जिंदगियां लील रहा कच्ची शराब का अवैध धंधा

 

लखनऊः अवैध कच्ची शराब का कारोबार मौत का कारोबार बन गया है। कच्ची शराब का सेवन कर हर साल हजारों लोग अपनी जान गंवा रहे हैं, लेकिन यह अवैध धंधा बदस्तूर जारी है। इस धंधे को रोकने के लिए समय पर अभियान चलाकर कार्रवाईयां तो की जाती है, लेकिन यह सिर्फ कागजी कोरम के लिए ही होती हैं। यूपी के तमाम जिलों में अवैध कच्ची शराब बनाने का धंधा बड़े पैमाने पर चल रहा है, लेकिन इस पर नकेल नही कसी जा रही है।

यूपी में तमाम ऐसी घटनाएं हुई हैं, जिनसे यही पता चलता है कि गांवों में शराब की भट्ठियां एक दिन में नहीं तैयार हुईं। बड़े अधिकारी ही इस मौत के कारोबार को मौन स्वीकृति प्रदान करते हैं और साल दर साल मोटी कमाई वसूलते रहते हैं। फैजाबाद, रायबरेली, उन्नाव और बाराबंकी में तो शराब की भट्ठियां धधकती ही हैं, यहां तक कि यूपी की राजधानी लखनऊ के मलिहाबाद में आज भी बड़े पैमाने पर कच्ची शराब बनाई जा रही है। पश्चिम यूपी के तमाम जिलों में शराब की भट्ठियां सुलग रही हैं। जब कभी शराब से लोगों के मरने की घटना सामने आती है तो पुलिस सिर्फ खानापूर्ति कर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर लेती है। मजेदार बात यह है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री भी एक बार आदेश देने के बाद उसका अपडेट लेना भूल जाते हैं और यह खेल चलता रहता है। कब-कब हुईं बड़ी घटनाएं

शराब पीकर मरने वाली ब़ड़ी घटनाओं में मुंबई के मलाड, यूपी के सीतापुर, उन्नाव और बाराबंकी का मामला दहलाने वाला रहा है। 19 जून 2015 को मुंबई के मलाड के जहरीली शराब पीने से करीब 33 लोगों की मौत हो चुकी है। 28 सितम्बर 2018 को पश्चिम बंगाल में जहरीली शराब से मौत के मामले में चार आरोपी दोषी माना गया था। बिहार के भोजपुर जिले में जहरीली शराब पीने से 21 लोगों की मौत हुई थी।

30 जून 2018 को झारखंड के सिमडेगा जिले में जहरीली हड़िया (शराब) पीने से 6 लोगों की मौत का मामला उछला था। 22 फरवरी 2019 को असम में जहरीली शराब पीने से 157 लोगों की मौत हुई। गोलाघाट एवं जोरहाट के दो चाय बगानों के श्रमिक जहरीली शराब पीने से बीमार हो गए थे।

10 फरवरी 2019 को उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में 72 की शराब से मौत हुई। इनमें सहारनपुर में 4 और कुशीनगर में 5 लोगों की मौत हुई थी। ज्यादा मौतें उत्तराखंड में हुईं। यहां एक समारोह में शराब पी गई थी। 29 मई 2019 को उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में 17 लोगों की मौत हो गई। इस मामले में 8 पुलिसकर्मियों सहित 9 सस्पेंड किया गया। बाराबंकी जिले के रामनगर क्षेत्र में यह वारदात हुई।

2019 में सीतापुर में जहरीली शराब पीने से तीन लोगों की मौत के बाद आईजी रेंज एसके भगत महमूदाबाद के सैदनपुर और सेजौरा गांव पहुंचे। इस मामले की जांच कर पैतेपुर चैकी में तैनात दरोगा, चार सिपाहियों और महमूदाबाद कोतवाल को निलंबित कर दिया था।

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09 मार्च 2020 को लखनऊ में चिनहट के देवरिया गांव में एक मकान में अवैध रूप से देशी शराब की फैक्ट्री संचालित हो रही थी। इस काले कारोबार का खुलासा चिनहट पुलिस ने किया। पुलिस ने मौके से 75 लाख रुपये की अवैध शराब व उपकरण भी बरामद किए वहीं दो आरोपियों को गिरफ्तार भी किया गया। इस मामले में तीन लाइसेंसधारक शराब दुकानदार सहित आठ लोगों की तलाश की जा रही है। पुलिस के मुताबिक, देवरिया में फैक्ट्री आठ महीने से अवैध रूप से संचालित हो रही थी।

4 मई 2020 को मध्य प्रदेश में जहरीली शराब पीने से चार लोगों की मौत हुई। 4 अगस्त 2020 को पंजाब में जहरीली शराब से 111 लोगों की मौत हुई थी। पुलिस ने लुधियाना के एक पेंट स्टोर मालिक को गिरफ्तार किया।

ऐसे बन जाती है जहरीली

कच्ची शराब को अधिक नशीली बनाने के चक्कर में जहरीली हो जाती है। सामान्यतः इसे बनाने में गुड़, शीरा से लहन तैयार किया जाता है। लहन को मिट्टी में गाड़ दिया जाता है। इसमें यूरिया और बेसरमबेल की पत्ती डाला जाता है। अधिक नशीली बनाने के लिए इसमें ऑक्सिटोसिन मिला दिया जाता है, जो मौत का कारण बनती है। अब सवाल यह उठता है कि कच्ची शराब जहरीली कैसे बन जाती है ? इसको बनाने की प्रक्रिया के बारे में सुनकर आप हैरान हो उठेंगे। जी हां, कच्ची शराब को बनाने में इस्तेमाल होने वाली महुए की लहन को सड़ाने के लिए कुत्ते का शौच और ऑक्सीटोसिन का इस्तेमाल किया जाता है। कहीं-कहीं इसमें नौसादर और यूरिया भी मिलाया जाता है।

कुछ जगहों पर कच्ची शराब बनाने के लिए पांच किलो गुड़ में 100 ग्राम ईस्ट और यूरिया मिलाकर इसे मिट्टी में गाड़ दिया जाता है। यह लहन उठने पर इसे भट्टी पर चढ़ा दिया जाता है। गर्म होने के बाद जब भाप उठती है, तो उससे शराब उतारी जाती है। इसके अलावा सड़े संतरे, उसके छिलके और सड़े गले अंगूर से भी लहन तैयार किया जाता है।

दरअसल, कच्ची शराब में यूरिया और ऑक्सीटोसिन जैसे केमिकल मिलाने की वजह से मिथाइल अल्कोहल बन जाता है। इसकी वजह से ही लोगों की मौत हो जाती है। मिथाइल अल्कोहल शरीर में जाते ही केमिकल रिएक्शन तेज कर देता है और इससे शरीर के अंदरूनी अंग काम करना बंद कर देते हैं। इसकी वजह से कई बार तुरंत मौत हो जाती है।