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12 दिनों तक Digital Arrest कर ऐंठे लाखों रुपए, राजस्थान से पकड़े गए आरोपी

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सोलनः परवाणू में मुंबई निवासी एक व्यक्ति को 12 दिन तक डिजिटल तरीके से बंधक बनाकर (Digital Arrest) लाखों रुपये ठगने का मामला सामने आया है। इसके बाद पुलिस ने मामले की जांच कर तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पीड़ित ने 8 नवंबर को परवाणू थाने में शिकायत दर्ज करवाई थी कि 7 अक्टूबर को उसके पास मोबाइल नंबर 97382-92415 से कॉल आई, जिसमें कॉल करने वाले ने खुद को डीएचएल कूरियर सर्विस का कर्मचारी बताया और कहा कि उसके आधार कार्ड का दुरुपयोग कर अवैध पार्सल चीन भेजा गया है।

Digital Arrest: फर्जी अधिकारियों से कराई बात

कॉल करने वाले ने उसे बताया कि कस्टम विभाग ने इस पार्सल को जब्त कर लिया है, जिसमें अवैध ड्रग्स और अन्य संदिग्ध वस्तुएं हैं। इसके बाद कॉल करने वाले ने उसे फर्जी सीबीआई अधिकारी विनय कुमार से बात करवाई, जिसने कहा कि उसके आधार कार्ड का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग में किया गया है और यह 538 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग मामले से जुड़ा है। आरोपी ने उसे बताया कि मामले की जांच के लिए पैसे ट्रांसफर करने होंगे।

डर और धमकियों के चलते पीड़ित ने अलग-अलग किश्तों में कुल 18.65 लाख रुपए आरोपियों के बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिए। इन आरोपियों ने पीड़ित को लगातार व्हाट्सएप वीडियो कॉल पर रखा और डिजिटल तरीके से बंधक बनाया, जिससे वह 7 अक्टूबर से 19 अक्टूबर तक डरा-सहमा रहा। हालांकि, 19 अक्टूबर को जब आरोपियों ने उसे बताया कि मामला खत्म हो चुका है और पैसे वापस करने के लिए 10% रकम मांगी, तो पीड़ित को शक हुआ और उसने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।

आपराधिक रिकॉर्ड खंगाल रही पुलिस

पुलिस ने तकनीकी और साइबर सेल की मदद से जांच की और तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपी राजस्थान के उदयपुर जिले के निवासी विनय पालीवाल, राहुल टेलर और लोकेश खटीक हैं। पुलिस द्वारा उनके बैंक खातों की जांच में करीब 40 लाख रुपए की ठगी की रकम सामने आई। इसके अलावा क्रिप्टोकरेंसी के जरिए करीब तीन करोड़ रुपए आरोपियों के खातों में ट्रांसफर किए गए, जिसकी अब जांच की जा रही है।

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पुलिस अधीक्षक गौरव सिंह ने बताया कि यह ठगी का नेटवर्क राजस्थान और गुजरात राज्यों में काफी सक्रिय था और हिमाचल प्रदेश समेत अन्य राज्यों के लोगों से भी ठगी करता था। पुलिस इन आरोपियों का पिछला आपराधिक रिकॉर्ड भी खंगाल रही है। गिरफ्तार आरोपियों को कोर्ट में पेश कर चार दिन का पुलिस रिमांड लिया गया है और मामले की जांच जारी है।

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