लखनऊः उत्तर प्रदेश के लखीमपुर-खीरी जिले के निघासन थाना क्षेत्र में दो सगी बहनों के साथ सामूहिक दुष्कर्म के बाद हुई हत्या के मामले में पुलिस ने छह लोगों को गिरफ्तार किया। इसमें से एक आरोपित, पुलिस मुठभेड़ में जख्मी भी हुआ है। उसके पांव में गोली लगी है। पुलिस का दावा है कि इस पूरी वारदात को कुल छह लोगों ने मिलकर अंजाम दिया और अपनी पहचान सार्वजनिक होने के डर से दोनों बहनों की हत्या कर दी। पुलिस अधीक्षक संजीव सुमन ने गुरुवार को प्रेस वार्ता में छह आरोपितों की गिरफ्तारी की जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि गुरुवार को दोनों शवों का पोस्टमार्टम किया गया। तीन डॉक्टरों के पैनल ने पोस्टमार्टम किया। दोनों बहनों के शव बुधवार देर शाम संदिग्ध हालात में खैर के पेड़ से लटकते मिले थे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि हुई है कि उनकी गला दबाकर हत्या की गई थी। उनके साथ सामूहिक दुष्कर्म भी किया गया था। जिला मुख्यालय पर डॉ. राजेंद्र, डॉ. शोएब अहमद और डॉ. अर्चना के पैनल ने दोनों शवों के पोस्टमार्टम किए। इस दौरान वीडियोग्राफी भी कराई गई। पोस्टमार्टम के दौरान सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर भारी पुलिस बल मौजूद रहा। पुलिस अधीक्षक संजीव सुमन ने बताया कि इस मामले से जुड़े अन्य पहलुओं और घटनाओं की भी पड़ताल की जा रही है। पुलिस कई ऐंगल से इस पूरी वारदात की छानबीन कर रही है और शीघ्र ही इसका पूरी तरह राजफाश करेगी।
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पुलिस का दावा है कि हत्या के इस मामले में दोनों बहनों को कोई अगवा करके लेकर नहीं गया था, बल्कि वह दोनों स्वयं किसी छोटू नामक आरोपित के साथ गई थीं, जिसके बाद उनके साथ अनहोनी हो गई। पुलिस ने जिन छह लोगों को गिरफ्तार किया है उनमें छोटू, सुहेल, जुनैद, हफीजुल्लाह करीमुद्दीन, आरिफ और जुनैद के नाम शामिल हैं। पुलिस के मुताबिक, एक आरोपित जुनैद झंडी चैकी क्षेत्र में मुठभेड़ के दौरान जख्मी हो गया है।
पोस्टमार्टम के बाद शव अंतिम संस्कार के लिए परिवार को सौंपे गए
पोस्टमार्टम के बाद दोनों शव उनके परिवारवालों को सौंपे गए। परिजन दोनों शवों को लेकर अपने गांव के लिए रवाना हो गए। इस दौरान गांव के तमाम लोग और राजनीतिक पार्टियों के लोग भी मौजूद रहे। गांव में भी सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं। इस मामले में सभी छह आरोपितों को पुलिस ने रात में ही गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन परिजनों का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद अगर वे संतुष्ट होंगे तो दोनों का अंतिम संस्कार कर देंगे। इस मामले पर राजनीति भी शुरू हो गई है। एक तरफ फुफेरे भाई कुमार सोनी ने जहां मुआवजा और नौकरी की मांग की है, वहीं अब विपक्षी पार्टियों के प्रतिनिधिमंडल भी मतृक बहनों के घर पहुंचने लगे हैं।
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