नई दिल्लीः योगिनी एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन जो भक्त पवित्र मन से व्रत रखता हैं उनके सारे पाप कट जाते हैं और वो सांसारिक मोह-माया और बंधनों से ऊपर उठ जाते हैं और मृत्यु के बाद मोक्ष को प्राप्त करते हैं। हिंदू धर्म में एकादशी का काफी धार्मिक महत्व है। योगिनी एकादशी कल यानी कि 5 जुलाई सोमवार को है। हालांकि व्रत की शुरुआत 4 जुलाई शाम 7 बजकर 55 मिनट से हो जाएगी। लेकिन उदया तिथि 5 जुलाई होने के कारण व्रत कल रखा जाएगा। ये व्रत आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है। तो आइए हम आपको बताते हैं कि योगिनी एकादशी व्रत की पूजा विधि के बारे में..
योगिनी एकादशी का मुहूर्त
एकादशी तिथि प्रारम्भ – जुलाई 4, 2021 को शाम 7.55 बजे से
एकादशी तिथि समाप्त – जुलाई 5, 2021 को रात 10.30 बजे तक।
पारण का समय -6 जुलाई को।
पूजा करने की विधि
योगिनी एकादशी के दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर घर की साफ-सफाई करें। इसके बाद नित्यकर्म और स्नान करें और सूर्य को जल अर्पित करें। पूजा स्थान को गंगा जल से शुद्ध करें और भगवान विष्णु की प्रिय चीजों से श्रृंगार करें। इसके बाद भगवान विष्णु को पीले वस्त्र, पीले पुष्प और मिष्ठान अर्पित करें और धूप जलाकर व्रत आरंभ करें। भगवान विष्णु को पीला रंग प्रिय है। इसलिए उन्हें पीले रंग का प्रसाद ही चढ़ाएं। एकादशी के दिन चावल के सेवन से परहेज करें।
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ईश्वरीकमला लक्ष्मीश्चलाभूतिर्हरिप्रिया।
पद्मा पद्मालया सम्पद् रमा श्रीः पद्मधारिणी।।
द्वादशैतानि नामानि लक्ष्मी संपूज्य यरू पठेत्।
स्थिरा लक्ष्मीर्भवेत्तस्य पुत्रदारादिभिस्सह।।