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जानिए क्या है एंड टू एंड एन्क्रिप्शन विवाद, जिसकी वजह से भारत में बंद हो सकता है व्हाट्सएप

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लखनऊः भारत में व्हाट्सएप यूजर्स के लिए एक बुरी खबर है। इस एप की सर्विस प्रदान करने वाली कंपनी मेटा ने कोर्ट के सामने स्पष्ट रूप से कह दिया है कि अगर सरकारी एजेंसियां एन्क्रिप्शन तोड़ने को मजबूर करेंगी तो व्हाट्सएप भारत से चला जाएगा। हालांकि, भारत सरकार ने व्हाट्सएप से सिर्फ इतना कहा है कि किसी भी ग्रुप में या पर्सनल चैट में यदि कोई मैसेज संदिग्ध है, तो उसके बारे में डिटेल जांच एजेंसियों को जानकारी देनी होगी। मेटा कंपनी यह मानने को बिल्कुल भी तैयार नहीं है। यदि ऐसा हुआ तो भारत में भी व्हाट्सएप की सेवाएं पूरी तरह से बंद हो जाएंगी।

सबसे ज्यादा यूजर हैं इंडियन

दुनिया भर में सबसे ज्यादा व्हाट्सएप यूजर्स (करीब 53 करोड़) भारत में ही हैं। यहां का मार्केट व्हाट्सएप के लिए बेहद अहम है। कंपनी अपने एक मात्र फीचर की वजह से दुनिया के सबसे अधिक उपभोक्ताओं की संख्या का बलिदान करने को भी तैयार है। व्हाट्सएप ने दिल्ली हाई कोर्ट में कहा है कि अगर उसे अपना मैसेज एन्क्रिप्शन तोड़ने के लिए मजबूर किया गया, तो वो अपनी सेवाओं को भारत में बंद कर देगा।  कंपनी ने भले ही यह बयान अपने बचाव में चेतावनी के रूप में कहा हो, लेकिन ऐसा करना उसके लिए भी आसान नहीं है। जानकारी के मुताबिक साल 2009 में अमेरिका के ब्रायन एक्टन और जेन कूम ने व्हाट्सएप को तैयार किया था। साल 2010 में जब व्हाट्सएप भारत आया,  तो कुछ ही दिनों के अंदर पूरे देश में छा गया। वर्ष 2014 में फेसबुक ने व्हाट्सएप को 19 बिलियन डॉलर में खरीदा था।

व्हाट्सएप पर मैसेजिंग और कॉलिंग बिल्कुल फ्री है। इसमें हम ग्रुप चैट के माध्यम से या ब्रॉडकास्ट के माध्यम से एक साथ कई लोगों को मैसेज भेज सकते हैं। यदि हमने गलती से किसी को कोई मैसेज कर दिया है, तो उसे 10 मिनट के अंदर डिलीट करने की सुविधा भी है। इस एप के माध्यम से हम ऑनलाइन पेमेंट भी कर सकते हैं। व्हाट्सएप पर उक्त सुविधाएं भले ही फ्री मिलती हैं, लेकिन इसके बावजूद कंपनी मोटी कमाई करती है। व्हाट्सएप विज्ञापनों के माध्यम से, डेटाबेस बेचकर और एप की खरीदारी करने वालों से अच्छी कमाई करता है। 2018 में मेटा ने व्हाट्सएप फॉर बिजनेस लॉन्च किया, जिसके जरिए कंपनी पैसा कमाती है। स्टैटिस्टा की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2024 में दुनियाभर में व्हाट्सएप के 2.78 बिलियन यूजर्स हैं। माना जा रहा है कि साल 2025 में यह संख्या 3.14 बिलियन तक पहुंच जाएगी।

दुनिया में सबसे ज्यादा व्हाट्सएप यूजर्स भारत में हैं। साल 2024 में भारत में अब तक व्हाट्सएप यूजर्स की संख्या 535.8 मिलियन तक पहुंच गई है। व्हाट्सएप यूजर्स के मामले में भारत का विश्व में प्रथम स्थान है। इसके बाद ब्राजील (148 मिलियन) , इंडोनेशिया (112 मिलियन),  अमेरिका (98 मिलियन) है। स्टेट ऑफ मोबाइल 2021 की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में व्हाट्सएप यूजर्स औसतन 21.3 घंटे प्रति माह से ज्यादा वक्त इस प्लेटफॉर्म पर बिताते हैं। भारत में हर दिन 100 करोड़ से ज्यादा व्हाट्सएप चैट होते हैं। भारत में व्हाट्सएप यूजर्स की संख्या में साल दर साल 16.6 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हो रही है। मेटा के लिए भारत सबसे बड़ा मार्केट है। साल 2024 में व्हाट्सएप बिजनेस को डाउनलोड करने वालों में भारतीय सबसे आगे रहे। साल 2023 में भारत में 316 मिलियन यूजर्स ने व्हाट्सएप बिजनेस एप को डाउनलोड किया। भारत में कंपनी को व्हाट्सएप से पैसे ट्रांसफर करने की अनुमति भी मिल चुकी है। आप व्हाट्सएप के जरिए आसानी से पैसे ट्रांसफर कर लेते हैं। ऐसे में अंदाजा लगाना आसान है कि भारत, जो कि उसका सबसे बड़ा मार्केट है, उसे छोड़कर जाना मेटा के लिए आसान नहीं होगा।  

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दरअसल आईटी रूल्स 2021 के तहत भारत में जिन इंस्टैंट मैसेजिंग एप के रजिस्टर्ड यूजर्स 50 लाख से ज्यादा हैं, उन्हें मैसेज का ओरिजनेटर बताना होगा। यानी मैसेज कहां से किसने किया, इसकी जानकारी जरूरत पड़ने पर सरकारी एजेंसियों के साथ शेयर करना होगा। 2021 में ही व्हाट्सएप इसके खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटा चुका है। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण एंड टू एंड एन्क्रिप्शन या एक एन्क्रिप्श स्टैंडर्ड है जो सिक्योर कम्यूनिकेशन के लिए इस्तेमाल किया जाता है। एंड टू एंड एन्क्रिप्शन की वजह से कोई भी थर्ड पार्टी मैसेज या कॉल को डिक्रिप्ट नहीं कर सकता है। यहाँ तक कि व्हाट्सएप ख़ुद भी दो लोगों के बीच हो रही बातचीत को डिकोड नहीं कर सकता यानी व्हाट्सएप पर दो लोग आपस में क्या बात कर रहे हैं, तो वो व्हाट्सएप भी नहीं पढ़ सकता है। फ़ोन से वॉट्सएप के माध्यम से दूसरे डिवाइस तक पहुंचने वाले सभी चैट्स क्रिप्टोग्राफ़िक लॉक के ज़रिए ऑटोमैटिकली सिक्योर किए जाते हैं और रिसीवर यानी दूसरी तरफ़ के व्हाट्सएप यूज़र्स के पास उस चैट को डिकोड करने के लिए कुंजी होती हैं। हालाँकि ये प्रोसेस बैकग्राउंड में चलता है इसलिए यूज़र्स देख नहीं पाता है। इसमें कई जगहों पर एंड टू एंड एन्क्रिप्टेड कम्यूनिकेशन को टेस्ट करने के लिए कुछ कोड्स मैच करने का भी ऑप्शन दिया जाता है।

सरकार ने सुरक्षा के लिहाज से माना जरूरी

भारत सरकार का मानना है कि व्हाट्सएप के ज़रिए बहुत सारे गलत काम किए जाते हैं और मुजरिम पकड़ा नहीं जाता। ऐसे में सरकार ने व्हाट्सएप से एक टूल बनाने के लिए भी कहा था, जो ये बता पाए कि मैसेज का ओरिजिनेटर कौन है, लेकिन व्हाट्सएप ने इससे साफ मना कर दिया। सरकार का कहना है कि आईटी रूल्स 2021 जिसे इंटरमीडियरी गाइडलाइन्स एंड डिजिटल मीडिया एथिक्स भी कहा जाता है, इसके तहत 50 लाख भारतीय यूजर्स से ज्यादा वाले इंस्टैंट मैसेजिंग प्लैटफॉर्म को मैसेज का ओरिजिनेटर बताना होगा। इस पर व्हाट्सएप की तरफ़ से कहा गया कि ओरिजिनेटर बताने के लिए कंपनी को व्हाट्सएप पर किए जाने वाले तमाम चैट्स की कॉपी स्टोर करनी होगी और ऐसा करने पर एंड टू एंड एन्क्रिप्शन टूट जाएगा, जो यूजर्स की प्राइवेसी पूरी तरह भंग कर देगा। दुनिया भर के ज़्यादातर प्राइवेसी एक्सपर्ट्स का मानना है कि व्हाट्सएप या फिर किसी भी प्लेटफार्म जहां एंड टू एंड एन्क्रिप्शन दिया गया है उसे हटाना लोगों के ह्यूमन राइट के ख़लिफ़ है,क्योंकि राइट टू प्राइवेसी इससे पूरी तरह भंग हो सकती है।

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