नई दिल्लीः विदेश में क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करना आपकी जेब पर भारी पड़ने वाला है। इससे जुड़े नियमों में बदलाव किया गया है। इस बदलाव के बाद अब आपको दूसरे देशों में क्रेडिट कार्ड से खर्च पर 20 फीसदी टैक्स कलेक्शन एट सोर्स (TCS) देना होगा। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की सलाह के बाद सरकार ने इन बदलावों को हरी झंडी दे दी है। नए नियम 1 जुलाई से लागू होंगे।
वित्त मंत्रालय ने गुरुवार को जारी एक बयान में कहा कि विदेशी मुद्रा प्रबंधन (फेमा) संशोधन नियम, 2023 के जरिए क्रेडिट कार्ड के जरिये विदेश में खर्च को भी आरबीआई की एलआरएस योजना में शामिल किया गया है. यह विदेशों में खर्च की गई राशि पर लागू दरों पर ‘स्रोत पर एकत्रित कर’ (TCS) को सक्षम करेगा। मंत्रालय के अनुसार, अगर टीसीएस का भुगतान करने वाला व्यक्ति करदाता है, तो वह अपने आयकर या अग्रिम कर देनदारियों के खिलाफ क्रेडिट या सेट-ऑफ का दावा कर सकता है।
मंत्रालय ने इस संदर्भ में अधिसूचना जारी कर फेमा कानून में संशोधन की जानकारी दी थी। इस अधिसूचना में एलआरएस को शामिल करने के बाद, 2.5 लाख रुपये से अधिक की विदेशी मुद्रा के किसी भी प्रेषण के लिए आरबीआई की मंजूरी की आवश्यकता होगी। इस अधिसूचना से पहले, विदेश यात्रा के दौरान किए गए खर्चों के लिए अंतर्राष्ट्रीय क्रेडिट कार्ड भुगतान एलआरएस के लिए पात्र नहीं थे। वित्त मंत्रालय ने आरबीआई से परामर्श के बाद जारी एक अधिसूचना में फेमा अधिनियम, 2000 की धारा सात को हटा दिया है। इसके साथ ही विदेशों में अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट कार्ड भुगतान भी एलआरएस के दायरे में आ गए हैं।
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गौरतलब है कि इस साल केंद्रीय बजट 2023-24 में विदेशी टूर पैकेज और एलआरएस के तहत विदेश भेजे जाने वाले पैसे पर टीसीएस को पांच फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी करने का प्रस्ताव किया गया था। वित्त मंत्रालय ने कहा है कि एलआरएस के तहत विदेशों में अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट कार्ड खर्च को लाने के लिए फेमा अधिनियम में संशोधन का उद्देश्य डेबिट और क्रेडिट कार्ड प्रेषण के कर पहलुओं में एकरूपता लाना है।
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