नई दिल्लीः भारत के पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज किरण मोरे ने युवा विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत की सराहना करते हुए कहा है कि वह 100 टेस्ट खेलने वाले क्रिकेटर हैं। पंत ने इंग्लैंड के खिलाफ चेन्नई में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच में विकेट के पीछे काफी अच्छा प्रदर्शन किया। उन्होंने इसके साथ ही पहली पारी में नाबाद 58 रन भी बनाए थे।
पंत ने जब 17 वर्ष की उम्र में 21 सितंबर 2014 को दिल्ली की ओर से खेलते हुए अंडर-19 ऑल इंडिया वनडे इंविटेशन टूर्नामेंट में बड़ौदा क्रिकेट संघ के खिलाफ मुकाबले में 133 गेंदों में आठ छक्के और 22 चौकों की मदद से 186 रन बनाए थे तो उनकी इस पारी से मोरे काफी प्रभावित हुए और उन्होंने पंत का नाम अपने मोबाइल पर नोट कर लिया था।
मोरे ने कहा कि जब भी मैं किसी टैलेंटेड लड़के को देखता हूं, मेरी आदत है कि मैं उसका नंबर नोट कर लेता हूं। जब मैंने पंत को देखा तो मैंने अपने आप से कहा कि यह लंबी रेस का घोड़ा है। अब मैं कहता हूं कि पंत 100 टेस्ट खेलने वाले क्रिकेटर हैं। सिर्फ इसलिए नहीं कि उन्होंने मंगलवार को विकेट के पीछे शानदार काम किया था।
कुछ विशेषज्ञों ने जहां पंत की क्षमता पर सवाल खड़े किए थे वहीं, मोरे का कहना है कि उन्हें पंत के कौशल और क्षमता पर कभी कोई शक नहीं था। पंत के साथ बेंगलुरु के राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी में काम कर चुके मोरे ने कहा कि सभी ने उनके विकेटकीपिंग पर सवाल खड़े किए थे, लेकिन मुझे कभी कोई शक नहीं था। जब आप उन्हें भारत में खेलने का मौका नहीं देंगे तो वह कैसे सीखेगा। विदेश में खेलना भारत में खेलने से ज्यादा कठिन है। टर्निग पिचों पर विकेटकीपर का दायित्व अहम होता है। सभी ने देखा है कि पंत क्या कर सकते हैं। पंत ने भारत के लिए 18 में से 14 टेस्ट विदेश में खेले हैं, जबकि चार टेस्ट भारत में खेले हैं।
मोरे ने कहा कि पंत ने कुछ अच्छे कैच लपके और शानदार स्टंपिंग की। हालांकि उन्होंने कुछ मौके गंवाए, लेकिन वह सिर्फ 23 साल के हैं और उनमें सुधार की गुंजाइश है जिससे वह दुनिया के सर्वश्रेष्ठ विकेटकीपर बन सकते हैं। भारतीय टीम के पूर्व विकेटकीपर सैयद किरमानी ने भी पंत के इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट में प्रदर्शन की सराहना की।
किरमानी ने कहा कि पंत में काफी कौशल है। उनकी विकेटकीपिंग और स्टंपिंग बेहतरीन है विशेषकर, लॉरेंस का स्टंपिंग बेहतरीन था। मेरे पास अपनी भावना को बयां करने के लिए शब्द नहीं हैं। वह गेम चेंजर साबित होंगे।
उन्होंने कहा कि पंत काफी अच्छे खिलाड़ी हैं, लेकिन उन्हें अभी कुछ चीजों पर काम करने की जरूरत है। उनको अपने रवैये में भी कुछ परिवर्तन करना होगा। पंत के बचपन के कोच तारक सिन्हा ने कहा कि जब कोई खिलाड़ी टीम में अपन स्थान पक्का कर लेता तो उसे अच्छा लगता है। दूसरे टेस्ट में पंत के अच्छे प्रदर्शन का एक बड़ा कारण यह भी है। उन्हें पूरी टीम का समर्थन प्राप्त है। भविष्य में वह और भी बेहतर होंगे।
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उन्होंने कहा कि पंत ने इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट में 91 और 11 रन बनाए, जिससे उनका आत्मविश्वास बढ़ा और इसका असर उनकी विकेटकीपिंग पर भी पड़ा। उन्होंने अपनी एकाग्रता में सुधार किया है। पंत ने 18 टेस्ट मुकाबलों में 44.85 के औसत से 1256 रन बनाए हैं। उन्होंने टेस्ट में दो शतक और छह अर्धशतक जड़े हैं।