Khunti: ‘डीलिस्टिंग के नाम पर आदिवासियों को बांटने की साजिश रच रही भाजपा’, बोले बंधु तिर्की

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खूंटी (Khunti): आगामी लोकसभा चुनाव और उसके बाद होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए आरएसएस और बीजेपी के लोग वोटों के ध्रुवीकरण की कोशिश में जुट गये हैं, साथ ही डीलिस्टिंग के नाम पर आदिवासियों को बांटने की साजिश भी शुरू कर दी है। ये बातें पूर्व विधायक व कांग्रेस नेता बंधु तिर्की ने कहीं। तिर्की रविवार को स्थानीय डाकबंगला में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि इसी साजिश के तहत पिछले दिनों रांची में जनजातीय सुरक्षा मंच के बैनर तले एक बैठक आयोजित की गयी। उन्होंने कहा कि जिस तरह से डीलिस्टिंग के नाम पर ईसाई धर्म अपनाने वाले लोगों को निशाना बनाया जा रहा है और असंवैधानिक बातें कही जा रही हैं, उसे देखते हुए आदिवासी जन अधिकार मंच ने 4 फरवरी को रांची के मोरहाबादी मैदान में आदिवासी एकता महारैली का आयोजन किया गया है।

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आदिवासी एकता महारैली में आदिवासियों के ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा होगी और आदिवासियों की चट्टानी एकता का प्रदर्शन होगा। उन्होंने कहा कि डीलिस्टिंग के नाम पर आदिवासियों को गुमराह करने की कोशिश की जा रही है, जबकि सच्चाई यह है कि अगर लूकर कमेटी लागू हो गयी, तो कड़िया मुंडा, अर्जुन मुंडा, बाबूलाल मरांडी आदि भाजपा नेता खुद डीलिस्टिंग के दायरे में आ जायेंगे। उन्होंने कहा कि आरएसएस और बीजेपी कितना भी नाक रगड़ लें, वे झारखंड में सफल नहीं हो सकते।

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