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पांच दिन बाद अयोध्या पहुंचेगी चित्रकूट से चली खड़ाऊ यात्रा, स्वागत की तैयारी

Khadau Yatra, लखनऊ: जैसा कि सर्वविदित है कि त्रेतायुग में राजा दशरथ द्वारा भरत को अयोध्या की राजगद्दी देने तथा कैकेयी के हठ के कारण प्रभु श्री राम को 14 वर्ष का वनवास दिये जाने का समाचार पाकर श्री भरत अपने ननिहाल से लौट आये थे। भगवान श्री राम को चित्रकूट से वापस अयोध्या लाने का निर्णय लिया। जब मनुहार की इच्छा विफल हो गई, तो वह श्री राम की चरण-पादुका (खड़ाऊ) को शीर्ष पर रखकर अयोध्या लौट आए और उसी चरण-पादुका को राज्य के सिंहासन पर रखकर उन्होंने 14 वर्षों तक अयोध्या पर शासन किया। त्रेतायुग के दृश्य को याद दिलाते हुए संस्कृति विभाग, उत्तर प्रदेश द्वारा श्री राम वनगमन पथ मार्ग यात्रा का शुभारंभ सोमवार 15 जनवरी को भरतकूप (चित्रकूट) से मंदाकिनी के जल कलश के साथ भव्यता, दिव्यता और नवीनता के साथ नगर भ्रमण करते हुए किया गया था। इसके तत्वाधान में भारत भक्ति संस्थान की टीम, स्वयंसेवकों, सेवारत कार्यकर्ताओं एवं संत बाबा सत्यनारायण मौर्य के नेतृत्व में हरिकथा सत्संग प्रारंभ किया गया है।

हजारों लोग रहे उपस्थित

यात्रा में हजारों स्वयंसेवकों और संतों के साथ-साथ सैकड़ों कलाकार, विशेषकर बुन्देलखण्डी और अवधी संस्कृति से जुड़े कलाकार, लगभग 70 बुन्देलखण्डी और अवधी संस्कृतियों के विषयों पर आधारित सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ दे रहे हैं। रात्रि विश्राम चित्रकूट में हुआ। सुबह में विभिन्न स्कूली बच्चों द्वारा योग शिविर का आयोजन किया गया तथा बच्चों के लिए विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये गये। जहां हजारों की संख्या में लोग मौजूद रहे और हिस्सा लिया। यह यात्रा 16 जनवरी 2024 को मंझनपुर, कौशांबी से होकर गुजरेगी और दूसरी रात यानी 16 जनवरी 2024 को प्रयागराज में रुकेगी। जहां संस्कृति विभाग के प्रसिद्ध कलाकारों द्वारा भव्य, दिव्य प्रस्तुतियां दी जाएंगी। 17 जनवरी 2024 को हजारों रामभक्तों, सांस्कृतिक कलाकारों, साधु-संतों एवं स्वयंसेवकों के साथ यह यात्रा प्रयागराज नगर का भ्रमण करते हुए शाम को ऐतिहासिक रामकेवट स्थल श्रृंगवेरपुर पहुंचेगी, जहां कैबिनेट मंत्री मत्स्य पालन संजय निषाद नेतृत्व कर रहे हैं. राज्य सरकार। हम उसी निषादराज गुफा के प्रांगण में रात्रि विश्राम करेंगे। प्रातः चरण पादुका का पूजन कर माननीय मंत्री द्वारा विधिवत भ्रमण कराया जायेगा तथा स्वागत सम्मान के साथ आगे के लिये रवाना किया जायेगा।

जन प्रतिनिधियों, साधु-संतों और कलाकारों करेंगे स्वागत

यह यात्रा 18 जनवरी, 2024 को प्रतापगढ़ होते हुए सुल्तानपुर जिले में चौथा रात्रि विश्राम करेगी तथा रास्ते में स्थानीय राम भक्तों एवं जन प्रतिनिधियों द्वारा विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ एवं स्वागत कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। 19 जनवरी 2024 की सुबह स्थानीय जन प्रतिनिधि यात्रा का पूजन एवं स्वागत कर अंतिम पड़ाव नंदीग्राम, अयोध्या के लिए सम्मानपूर्वक यात्रा निकालेंगे तथा पूरे रास्ते में ढोल-नगाड़ों, बाजे-गाजे के साथ भव्य उत्सव एवं अलौकिक सम्मान होगा। 19 जनवरी 2024 को सायं 06.00 बजे नंदीग्राम अपने अंतिम पड़ाव अयोध्या पहुंचेगी। इस यात्रा का समापन उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री पर्यटन एवं संस्कृति जयवीर सिंह करेंगे। यह भी पढ़ेंः-Ayodhya Ram Mandir: सचिन समेत क्रिकेट के इन दिग्गजों को मिला प्राण प्रतिष्ठा का आमंत्रण समापन कार्यक्रम के बाद श्री राम वन गमन पथ यात्रा की चरण-पादुका श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पदाधिकारियों को सौंपी जाएगी। यह जानकारी प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि मकर संक्रांति की तिथि से शुरू हुई यह यात्रा करीब 370 किलोमीटर की पांच दिवसीय ऐतिहासिक चरण-पादुका यात्रा है, जो आसपास के मंदिरों, धार्मिक स्थलों, स्कूलों और गांवों-शहरों से होते हुए स्थानीय लोगों तक पहुंचती है। पूरे रास्ते में जन प्रतिनिधियों, साधु-संतों और कलाकारों का अपने-अपने तरीके से स्वागत किया जाएगा, साथ ही सरयू जल कलश के साथ निकलने वाली शोभा यात्रा में जगह-जगह स्थानीय बैंड-बाजे, पुष्प वर्षा, चरण पादुकाएं भी होंगी। मुख्य रथ पर प्रसाद का वितरण, प्रचार-प्रसार, अयोध्या आने का निमंत्रण, लोक कलाकारों द्वारा नृत्य और संतों का आशीर्वाद, भगवान श्री राम लला के मंदिर और अयोध्या के दर्शन, एलईडी के माध्यम से संचालन और पूरी यात्रा के दौरान ध्वनि और लेजर शो का आयोजन। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर(X) पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)