ट्रॉमा सेंटर में बनेगा पांच मंजिला डाग्नोस्टिक सेंटर

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KGMU: राजधानी स्थित किंग जार्ज मेडिकल कॉलेज में दूर-दराज से अपना इलाज कराने के लिए आने वाले मरीजों और उनके साथ आए तीमारदारों को अब जांच के लिए लंबा इंतजार नहीं करना होगा। इसके साथ ही एक बिल्डिंग से दूसरी बिल्डिंग तक की जाने वाली भाग-दौड़ से भी निजात मिलेगी। ट्रॉमा सेंटर में मरीजों को जांच के लिए इंतजार अब बीती बात होने जा रही है।
इलाज के लिए भर्ती हुए मरीजों को अब समय से रेडियोलॉजी व पैथोलॉजी जांच रिपोर्ट मिल जाया करेगी। इसके लिए ट्रॉमा सेंटर में ट्रॉयज एरिया की जगह पांच मंजिला डायग्नोस्टिक भवन बनाने की कवायद जल्द शुरू होगी। जांच कराने के लिए आने वाले तीमारदारों के खाने-पीने, ठहरने की व्यवस्था भी होगी। इस जांच भवन में 24 घंटे जांच की सुविधा मिलेगी। केजीएमयू ने इसका प्रस्ताव शासन को भेज दिया है। वर्तमान में ट्रॉमा सेंटर में करीब 400 बेड की सुविधा मरीजों को मिल रही है। ट्रॉमा में जब बेड खाली नहीं होते, तो इस दशा में मरीजों का इलाज 150 स्ट्रेचर पर किया जाता है। ट्रॉमा आने वाले मरीजों की संख्या रोजना करीब 300 से अधिक होती है। गंभीर मरीजों को जांच के लिए सीटी स्कैन, एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड समेत पैथोलॉजी लैब आदि की सुविधा मिलती है।

ट्रॉमा में एक सीटी स्कैन मशीन है। यहां पर प्रतिदिन करीब 150 से 200 सीटी स्कैन हो रहे हैं। तीन एक्स-रे मशीन हैं। इन मशीनों पर रोजाना करीब 200 से अधिक एक्सरे जांच की जा रही है। तीन अल्ट्रासाउंड मशीन हैं, जिन पर रोजाना करीब 300 से अधिक मरीजों की जांच हो रही है। ट्रॉमा की पैथोलॉजी में तीन कलेक्शन सेंटर हैं। जहां रोजाना 300-350 सैंपल की जांच होती है। केजीएमयू की कुलपति डॉ. सोनिया नित्यानंद ने बताया कि मरीजों की सुविधा हेतु अलग से डायग्नोस्टिक भवन बनाने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। यह भवन पांच मंजिला होगा। इसके दो मंजिल पर रेडियोलॉजी, पैथोलॉजी होगी। तीसरे तल पर तीमारदारों की सुविधा के लिए खाने-पीने की व्यवस्था होगी। ऊपर दो तल पर ठहरने का इंतजाम होगा।

रिपोर्ट-पवन सिंह चौहान, लखनऊ 

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