धर्मशाला: कांगड़ा जिला के प्रमुख शक्तिपीठ मां श्री बज्रेश्वरी देवी की पिंडी का मकर संक्रांति के दिन देर शाम को घृत पर्व मंडल के तहत मक्खन से श्रृंगार किया गया। मां बज्रेश्वरी देवी करीब की पिंडी पर करीब 26 क्विंटल मक्खन से का लेप चढ़ाया गया है। इस धार्मिक आयोजन को देखने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु कांगड़ा पहुंचे। एक सप्ताह बाद ये मक्खन मां की पिंडी से उतारा जाएगा और इसे श्रद्धालुओं में प्रसाद स्वरूप बांटा जाएगा। मान्यता है कि इस मक्खन रूपी प्रसाद से चर्म रोगों से निदान मिलता है।
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सात दिवसीय घृत मंडल पर्व के संबंध में कहा जाता है कि जालंधर दैत्य को मारते समय मां बज्रेश्वरी देवी के शरीर पर कई चोटें आई थीं जिन्हें ठीक करने के लिए देवताओं ने माता के शरीर पर घृत का लेप किया था। इसी परंपरा के अनुसार हर साल देसी घी को एक सौ एक बार शीतल जल से धोकर उसका मक्खन बनाकर मां की पिंडी पर चढ़ाया जाता है। साथ ही मेवों और फलों की मालाएं भी चढ़ाई जाती हैं। रविवार सुबह से ही श्रद्धालुओं का मंदिर में पिंडी के दर्शनों के लिए लोगों का तांता लगा हुआ है।
वहीं, दूसरी ओर बैजनाथ के शिव मंदिर में भी घृत पर्व मंडल के चलते भगवान शिव की पिंडी पर भी इसी तरह मक्खन का लेप चढ़ाया जाता है। यहां भी सात दिन के बाद श्रद्धालुओं को इसे प्रसाद रूपी भेंछ किया जाता है।
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