रायपुर: स्टाइपेंड और बांड में कटौती कम करने की मांग को लेकर छत्तीसगढ़ के 10 मेडिकल कॉलेजों के जूनियर डॉक्टर और पोस्ट पीजी रेजिडेंट मंगलवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल (Junior doctors strike in Chhattisgarh) पर हैं। ओपीडी में जो जूनियर डॉक्टर हैं, वे सुबह से ही मौजूद नहीं हैं। नियमित स्टाफ की मदद से मरीजों की जांच की जा रही है।
छत्तीसगढ़ जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष मनु प्रताप सिंह का कहना है कि छत्तीसगढ़ के जूनियर डॉक्टरों को मप्र, झारखंड से कम स्टाइपेंड मिलता है। दूसरे राज्यों में जहां 95 हजार रुपए तक स्टाइपेंड मिलता है, वहीं छत्तीसगढ़ में 50-55 हजार रुपए मिलते हैं। पिछले 4 वर्षों में मानदेय नहीं बढ़ाया गया है. 2 साल का बांड किसी भी राज्य में नहीं भरा जाता है. ऐसा सिर्फ छत्तीसगढ़ में हो रहा है।
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जानकारी के मुताबिक, फिलहाल जूडो को 53,550 रुपये से लेकर 59,220 रुपये तक स्टाइपेंड मिल रहा है। वे इसे 95,488 रुपये से बढ़ाकर 1.01 लाख रुपये प्रति माह करने की मांग कर रहे हैं। यह स्टाइपेंड, संविदा सहायक प्रोफेसरों को मिलने वाले वेतन से भी अधिक है। इंटर्न छात्रों को 12500 रुपये का स्टाइपेंड मिलता है। उल्लेखनीय है कि राज्य में जूनियर डॉक्टरों की संख्या 3 हजार से ज्यादा है। जूनियर डॉक्टरों के ओपीडी बहिष्कार के कारण सुबह से दोपहर दो बजे तक इमरजेंसी सेवाएं बंद रहेंगी। जूनियर डॉक्टर्स (Junior doctors strike in Chhattisgarh) ने चेतावनी दी है कि मांगे पूरी नहीं होने पर 2 अगस्त से इमरजेंसी सेवाओं को बाधित करेंगे।
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