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West Bengal: एक साल में 190 अवैध बांग्लादेशी गिरफ्तार

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कोलकाता: West Bengal के नदिया जिले में पिछले एक साल के दौरान 190 अवैध बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें से 52 लोगों को पिछले 45 दिनों में गिरफ्तार किया गया, जब पड़ोसी देश बांग्लादेश में राजनीतिक संकट चरम पर था और अल्पसंख्यक हिंदुओं और धार्मिक स्थलों पर हमले हो रहे थे। राज्य सीआईडी ​​के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी।

राज्य पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, ये सभी अवैध नागरिक नदिया जिले में भारत-बांग्लादेश सीमा के असुरक्षित और बिना बाड़ वाले हिस्सों से भारत में दाखिल हुए थे। भारत आने के बाद उन्होंने स्थानीय एजेंटों की मदद से फर्जी भारतीय पहचान पत्र बनाने का काम शुरू कर दिया।

West Bengal: सीमा के पास के गांवों में बसा अवैध नेटवर्क

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि गिरफ्तार किए गए 190 अवैध नागरिकों में से ज्यादातर नदिया जिले के सीमावर्ती गांवों में रहने लगे थे। अधिकारी ने यह भी संभावना जताई कि इनमें से कई लोग नदिया से दूसरे जिलों में भी जा सकते हैं। इससे यह संख्या बढ़ सकती है।

पश्चिम बंगाल पुलिस और कोलकाता पुलिस ने बताया कि राज्य में ऐसे कई गिरोह सक्रिय हैं, जो अवैध बांग्लादेशी नागरिकों के लिए फर्जी भारतीय पासपोर्ट बनाते हैं। इनमें से अधिकांश गिरोह नदिया जिले से संचालित होते हैं।

West Bengal : फर्जी दस्तावेज बनाने वाले गिरोहों की बढ़ी चुनौतियां

दरअसल, हाल ही में बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के पूर्व सहयोगी सलीम मतबर को कोलकाता के पार्क स्ट्रीट इलाके के एक होटल से गिरफ्तार किया गया था। उसके पास से एक फर्जी भारतीय पासपोर्ट बरामद किया गया था। जांच में पता चला कि यह पासपोर्ट नदिया जिले के एक गिरोह ने तैयार किया था। सलीम ने इसी फर्जी पासपोर्ट के जरिए होटल में नौकरी पाई थी।

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30 नवंबर को नदिया पुलिस ने कृष्णागंज थाना क्षेत्र के मजीदिया इलाके से चार अन्य अवैध बांग्लादेशी नागरिकों-सुमी अख्तर, इमान विश्वास, शंकर विश्वास और रूपकुमार विश्वास को गिरफ्तार किया था। ये घटनाएं राज्य में अवैध घुसपैठ और फर्जी दस्तावेज बनाने वाले गिरोहों की बढ़ती चुनौती को दर्शाती हैं। राज्य पुलिस ने इन गतिविधियों को रोकने के लिए सतर्कता बढ़ाने का आश्वासन दिया है।

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