देहरादूनः जोशीमठ में भू-धंसाव के कारण स्थिति रोज खतरनाक होती जा रही है। घरों और सड़कों में पड़ी दरारें चौड़ी होती जा रही हैं। भू-धंसाव की जद में आया एक मंदिर भी ढह चुका है। साथ ही जमीन के भीतर से लगातार पानी निकल रहा है। यहां 600 से ज्यादा घर खतरे की जद में हैं। वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी शनिवार को जोशीमठ का हवाई और स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि पानी के रिसाव से काफी घरों में दरारें आई हैं, हमारा प्रयास यही है कि सभी को सुरक्षित किया जाए। इसके कारणों का पता लगाया जा रहा है। जरूरी चीज़े भी की जा रही हैं।
LIVE: जोशीमठ में प्रभावित क्षेत्र का स्थलीय सर्वेक्षण एवं स्थानीय लोगों से मुलाकात करते हुए
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) January 7, 2023
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राज्य सरकार की टीम जोशीमठ में हालात का स्थलीय निरीक्षण कर रही है। इसके साथ ही उत्तराखंड के जोशीमठ में लगातार हो रहे भू धंसाव से न सिर्फ राज्य सरकार, बल्कि केंद्र सरकार भी चिंतित नजर आ रही है। केंद्र सरकार ने जोशीमठ भू- धंसाव के रहस्य का पता लगाने के लिए 6 सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया है, जो तीन दिन में अपनी रिपोर्ट केंद्र को सौंपेगी। इस संबंध में शुक्रवार को ही केंद्र सरकार ने आदेश जारी किए हैं।
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वहीं, शुक्रवार 6 जनवरी को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी देहरादून में अधिकारियों के साथ हाई लेवल मीटिंग की थी। उत्तराखंड के जोशीमठ में भू धंसाव के अध्ययन के लिए जल शक्ति मंत्रालय ने समिति गठित की है। ये समिति बारीकी से जोशीमठ का अध्ययन करेगी। बता दें कि जोशीमठ में लगातार दरारें चौड़ी होती जा रही हैं, जिससे लोग दहशत में हैं।
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