Jnanpith Award: गीतकार गुलज़ार और जगतगुरु रामभद्राचार्य को मिलेगा ज्ञानपीठ पुरस्कार

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Jnanpith Award, Gulzaar RamBhadracharya: ज्ञानपीठ पुरस्कार चयन समिति ने साल 2023 के लिए 58वें ज्ञानपीठ पुरस्कार की घोषणा की है। इस साल यह पुरस्कार दो भाषाओं संस्कृत के लिए जगतगुरु रामभद्राचार्य और उर्दू के लिए विख्यात गीतकार गुलज़ार को दिया जाएगा। सुप्रसिद्ध कथाकार और ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित प्रतिभा राय की अध्यक्षता के हुई चयन समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया।

बैठक में चयन समिति के अन्य सदस्य माधव कौशिक, दामोदर मौजो, प्रो. सुरंजन दास, प्रो. पुरुषोत्तम बिल्माले, प्रफ्फुल शिलेदार, प्रो. हरीश त्रिवेदी, प्रभा वर्मा, डॉ. जानकी प्रसाद शर्मा, ए. कृष्णा राव और ज्ञानपीठ के निदेशक मधुसुदन आनन्द शामिल थे।

उल्लेखनीय है कि, साल 1944 में स्थापित भारतीय ज्ञानपीठ द्वारा साल 1965 से हर साल भारतीय साहित्य में उत्कृष्ट योगदान ज्ञानपीठ पुरस्कार प्रदान करता है। संस्कृत भाषा को दूसरी बार और उर्दू के लिए पांचवीं बार यह पुरस्कार प्रदान किया जा रहा है। देश के सर्वोच्च साहित्य सम्मान ज्ञानपीठ पुरस्कार के रूप में विजेताओं को पुरस्कार के तौर पर 11 लाख रुपये की राशि, वाग्देवी की प्रतिमा और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाएगा।

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कौन हैं रामभद्राचार्य

1950 में जौनपुर (उत्तर प्रदेश) के खांदीखुर्द गाँव में जन्मे रामभद्राचार्य चित्रकूट (उत्तर प्रदेश) में रहने वाले एक प्रख्यात विद्वान, शिक्षाविद्, बहभाषाविद्, रचनाकार, प्रवचनकार, दार्शनिक और हिन्दू धर्मगुरु हैं। वहीं अगर हम बात करें गुलजार की तो वो हिन्दी फिल्मों के प्रसिद्ध गीतकार हैं। इसके अलावा वो कवि, पटकथा लेखक, फ़िल्म निर्देशक नाटककार तथा प्रसिद्ध शायर हैं। उनकी रचनाएं हिंदी, उर्दू और पंजाबी भाषा में हैं।

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