Jharkhand, रांचीः उत्तरकाशी के सिल्कयारा टनल से 17 दिन बाद सुरक्षित निकाले गए झारखंड के 15 मजदूर शुक्रवार देर शाम रांची पहुंच गये। झारखंड सरकार ने सभी मजदूरों और उनके परिवार के 12 सदस्यों को फ्लाइट से लाने की व्यवस्था की थी। रात करीब 8।30 बजे जैसे ही श्रमवीर और उनके परिवार के सदस्य रांची के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट के टर्मिनल से बाहर आये, ढोल-नगाड़े बजाकर और माला पहनाकर सभी का जोरदार स्वागत किया गया।
श्रमिको को लाने के लिए तीन सदस्यीय टीम पहुंची थी उत्तराखंड
उनके स्वागत के लिए एयरपोर्ट पर झारखंड सरकार के श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता, सांसद संजय सेठ, दीपक प्रकाश,महुआ माजी आदि कई नेता मौजूद रहे। दरअसल श्रमिकों को लाने के लिए झारखंड के वरिष्ठ आईएएस भुवनेश्वर प्रताप सिंह के नेतृत्व में श्रम नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग के अधिकारियों की तीन सदस्यीय टीम बुधवार को ही उत्तराखंड पहुंच गयी थी।
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श्रमिकों के हित में विशेष नीति बना रही सोरेन सरकार
झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने श्रमिकों की सुरक्षित वापसी पर खुशी जताते हुए कहा कि देश के विकास में श्रमिकों का अहम योगदान है। झारखंड सरकार श्रमिकों का पूरा ख्याल रख रही है। श्रमिक नहीं होंगे तो विकास रुक जायेगा। देश में ऐसी कोई नीति नहीं है जिससे श्रमिकों के सम्मान की रक्षा की जा सके। हम राज्य और राज्य के बाहर कार्यरत झारखंड के श्रमिकों के हित में विशेष नीति बना रहे हैं।
गौरतलब है कि 17 दिनों तक उत्तराखंड की सुरंग में फंसे रहने के बाद सभी श्रमिक अपने अपने घर पहुंच रहे हैं। इसी कड़ी शुक्रवार को बिहार के पांच मजदूर पटना पहुंचे। जहां पटना एयरपोर्ट बिहार के श्रम संसाधन मंत्री सुरेंद्र राम ने उनका स्वागत किया। इस दौरान इन लोगों की आंखों से सकुशल राज्य वापसी पर खुशी के आंसू छलक पड़े।
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