रांची: शेल कंपनियां (Shell companies) बना कर अवैध तरीके से निवेश की सीबीआई जांच कराने की मांग को लेकर दायर याचिका को झारखंड हाईकोर्ट ने सुनवाई के योग्य (मेंटनेबल) माना है। मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायमूर्ति एसएन प्रसाद की खंडपीठ ने झारखंड सरकार की उन दलीलों को खारिज कर दिया, जिनमें इस याचिका को निरस्त करने की मांग की गयी थी।
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शिवशंकर शर्मा नामक व्यक्ति की ओर से दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि सीएम हेमंत सोरेन के कई करीबियों ने कई शेल कंपनियों (Shell companies) में बड़े पैमाने पर निवेश किया है। राज्य सरकार ने इस याचिका को दुर्भावना से प्रेरित बताते हुए इसे निरस्त करने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। बीते 24 मई को सुप्रीम कोर्ट ने इसे खारिज करने की मांग अस्वीकार कर दी थी और झारखंड हाईकोर्ट को याचिका की मेंटेनेब्लिटी (औचित्य) पर सुनवाई करने का निर्देश दिया था।
इसके बाद बीते बुधवार को हाईकोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल एवं मुकुल रोहतगी और ईडी की ओर से महाअधिवक्ता तुषार मेहता एवं याचिका दायर करने वाले शिवशंकर शर्मा की ओर से अधिवक्ता राजीव कुमार ने बहस की थी।
हाईकोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद शुक्रवार को जारी आदेश में इसे मेंटनेबल बताया है। अब याचिका की मेरिट पर विस्तृत सुनवाई के लिए 10 जून की तारीख तय की गयी है।
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