जम्मू: जम्मू-कश्मीर के रामबन में जमीन धंसने (Ramban Land Sink) से कई घरों में दरारें पड़ गई। जमीन धंसने से दर्जनों घर तबाह हो गए। इसके अतिरिक्त, चार बिजली टावर गिर गए और एक महत्वपूर्वण सड़क पूरी से तबाह हो गई। इसके साथ ही गूल और रामबन के बीच सड़क संपर्क टूट गया। यह घटना जिला मुख्यालय से करीब 5 किलोमीटर दूर स्थित पेरनोट गांव में हुई।
कारण का पता लगाने में जुटे भूविज्ञान विशेषज्ञ
उधऱ घटना की जानकारी होते ही डिप्टी कमिश्नर बसीर-उल-हक चौधरी ने शुक्रवार को प्रभावित इलाके का दौरा किया। वहीं क्षेत्र के कई परिवारों को अपना घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए मजबूर होना पड़ा। जबकि पुनर्वास प्रयासों और सेवाओं की बहाली की निगरानी के लिए जिला अधिकारियों की एक टीम लगाई गई है। साथ ही इस घटना के कारणों का पता लगाने के लिए भूविज्ञान विशेषज्ञों को बुलाया गया है। फिलहाल रामबन-गुल रोड पर वाहनों की आवाजाही रोक दी गई है।
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पीड़ितों को मिलेगा मुआवजा
घर उजड़ने और क्षतिग्रस्त होने के बाद ये परिवार अब खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं। अधिकारी इन 350 लोगों को तंबू, स्वास्थ्य देखभाल, पीने की पानी, शौचालय, बिस्तर आदि उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इस घटना के बाद उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा, "वह व्यक्तिगत रूप से स्थिति पर नजर रख रहे हैं। जमीन धंसने के कारणों का पता लगाया जा रहा है।" उन्होंने प्रभावित परिवारों को राहत , पुनर्वास और मुआवजा देने की बात कही है है।