ऐतिहासिक जामा मस्जिद की लौटेगी पुरानी शान, जल्द शुरू होगी मरम्मत

नई दिल्ली: ऐतिहासिक जामा मस्जिद (Jama masjid) की पुरानी शान वापस लाने के लिए दिल्ली वक्फ बोर्ड ने 50 करोड़ रुपये की लागत से मरम्मत कराने का काम शुरू कराने का फैसला लिया है। मस्जिद की दीवारों में दरारें पड़ गई हैं और इसके गोल गुंबद, मीनारें भी क्षतिग्रस्त हो गई हैं।

यह ऐतिहासिक मस्जिद लगभग 23 एकड़ रकबे में बनाई गई है। मस्जिद को दिल्ली मेट्रो के लिए जगह-जगह की जाने वाली खुदाई, बेतहाशा बढ़ रहे वाहनों और कल कारखानों के प्रदूषण से काफी नुकसान पहुंचा है। शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने प्रधानमंत्री और शहरी विकास मंत्री को पिछले वर्ष पत्र लिखकर इसकी मरम्मत कराने की गुहार लगाई थी लेकिन केंद्र सरकार ने अभी तक इस पर किसी भी तरह का कोई फैसला नहीं लिया है। शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी के पत्र के बाद कई सांसदों ने राज्यसभा और लोकसभा में इस सम्बंध में सवाल भी उठाए मगर सरकार की तरफ से उन्हें कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया है।

ये भी पढ़ें..‘पृथ्वीराज’ की रिलीज से पहले मेकर्स ने बदला फिल्म का नाम, जानें क्या है वजह

ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिस-ए-मुशावरत के अध्यक्ष नवेद हामिद ने भी प्रधानमंत्री को जामा मस्जिद (Jama masjid) की खस्ता हालत का जिक्र करते हुए इसकी मरम्मत कराए जाने के मांग को लेकर एक पत्र लिखा है। उन्होंने अपने पत्र में सऊदी अरब सरकार के जरिए मस्जिद की मरम्मत कराए जाने के लिए भारत सरकार की इजाजत मांगे जाने का हवाला भी दिया है। उन्होंने कहा है कि भारत सरकार ने मस्जिद की मरम्मत के लिए सऊदी अरब की पेशकश को ठुकरा दी थी। उनके अलावा शाही इमाम के जरिए भी मस्जिद की मरम्मत के लिए दिल्ली वक्फ बोर्ड से भी गुजारिश की गई थी।

अलबत्ता अब दिल्ली वक्फ बोर्ड जामा मस्जिद (Jama masjid) की मरम्मत के लिए राजी हो गया और उसने अपने इंजीनियरों आदि से इसका सर्वे कराया है। सर्वे के दौरान मरम्मत कार्यों पर होने वाले खर्च का अंदाजा लगाया है। दिल्ली वक्फ बोर्ड ने उनकी इस गुजारिश पर कार्रवाई करते हुए मस्जिद की मरम्मत के लिए सर्वे का काम शुरू किया है।वक्फ बोर्ड के जरिए कराए गए सर्वे में मस्जिद की मरम्मत पर लगभग 50 करोड़ रुपये खर्च आने की संभावना जताई गई है। साथ ही 3 साल में इस काम को पूरा किए जाने का लक्ष्य भी रखा गया है।

वक्फ बोर्ड ने जामा मस्जिद (Jama masjid) की मरम्मत के लिए पुरातत्वविद और पुरातत्व सर्वेक्षण संस्थान से जुड़े विषेशज्ञों से भी सलाह मशविरा किया है। मस्जिद की मरम्मत की निगरानी के काम के लिए नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चर हेरीटेज की सेवाएं लेने का भी फैसला किया गया है। इसके लिए ट्रस्ट की तरफ से एक करोड़ रुपये की मांग की गई है। दिल्ली वक्फ बोर्ड के चेयरमैन अमानतुल्लाह खान का कहना है कि मस्जिद की मरम्मत के लिए बोर्ड ने फैसला कर लिया है और जल्द ही मरम्मत का काम शुरू किया जाएगा। मस्जिद की पुरानी शानो शौकत वापस लाने का पूरी तरह से प्रयास किया जाएगा।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें…)