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पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह बोले-संस्कृति और विरासत को गांव-गांव तक पहुंचाना बेहद जरूरी

minister-jaiveer-singh लखनऊः जनजातीय कला का संरक्षण एवं संवर्द्धन करते हुए भावी पीढ़ी तक पहुंचाने के उद्देश्य से पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह की उपस्थिति में जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय बलिया तथा लोक एवं जनजाति कला एवं संस्कृति संस्थान (संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश) के मध्य एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया। इस अवसर पर पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि दोनों संस्थान अपने अनुभव, क्षमता एवं दक्षता के माध्यम से जनजातीय कला को समृद्ध बनाने में एक-दूसरे के साथ समन्वय करेंगे। इसके अलावा जनजातीय समाज के गौरवशाली सांस्कृतिक विविधता को धरातल पर उतारेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर को पुर्नजीवित करते हुए भावी पीढ़ी से सांझा करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि प्रदेश का संस्कृति विभाग इसी दृष्टिकोण से लोक कलाओं को संरक्षित करने का कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि लोक कलाओं एवं कलाकारों के संरक्षण के लिए अब तक 4000 ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया जा चुका है। लोक कलाओं से जुड़े कलाकारों को विभिन्न अवसरों पर कार्यक्रम प्रस्तुत करने का अवसर प्रदान किया जा रहा है एवं उनके पारिश्रमिक को सीधे उनके खाते में स्थानान्तरित किया जा रहा है। जयवीर सिंह ने कहा कि प्राचीन जनजातीय कला विविधता में एकता के आदर्श मूल्य को समेटे हुए है। संस्कृति विभाग जनजाति समाज की गौरवशाली संस्कृति को युवाओं तक पहुंचाकर उनका श्रेष्ठतम योगदान लोक कलाओं के संरक्षण एवं संवर्द्धन में लेना चाहती है। उन्होंने कहा कि अपनी संस्कृति, अपनी विरासत गांव-गांव तक पहुंचाने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि देश की आत्मा गांवों में बसती है। इसके संरक्षण एवं संवर्द्धन के लिए संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश द्वारा समय-समय पर विभिन्न आयोजन कराये जा रहे हैं। ग्राम पंचायतों को वाद्ययंत्र का भी वितरण कराया जा रहा है। विलुप्ति के कगार पर पहुंच चुकी लोकगीत एवं संगीत को पुनर्जीवित करने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है। निदेशक लोक एवं जनजातीय कला एवं संस्कृति संस्थान अतुल द्विवेदी ने बताया कि अब तक 11 शिक्षण संस्थाओं से समझौता ज्ञापन किया गया है। आज 12वें समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर सम्पन्न कराया गया है। ये भी पढ़ें..‘आप’ को मिला सीएम हेमंत सोरेन का साथ, केजरीवाल बोले- अब... उन्होंने बताया कि जनजातीय कला एवं संस्कृति संस्थान लोक कलाओं के विविध रूपों के संरक्षण एवं प्रचार-प्रसार के लिए पूरे प्रदेश में कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं तथा जनजातीय कला से आम लोगों को परिचित कराया जा रहा है। समझौता ज्ञापन पर लोक एवं जनजाति कला एवं संस्कृति संस्थान के निदेशक अतुल द्विवेदी एवं जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय बलिया के कुलपति प्रो. संजीत कुमार गुप्ता ने पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री के आवास पर आयोजित कार्यक्रम में हस्ताक्षर किये। इस अवसर पर संस्कृति विभाग के विशेष सचिव अमरनाथ उपाध्याय भी मौजूद रहे। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)