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नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त को 10 साल की सजा

Raped on the pretext of getting justice   जयपुरः पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत क्रम-1 महानगर प्रथम ने 17 वर्षीय नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त अजय कुमार पंवार को दस साल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर दस हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि अभियुक्त ने नाबालिग पीड़िता के साथ दुष्कर्म कर उसके व्यक्तित्व और गरिमा को आहत करने वाला कार्य किया है। अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत को बताया गया कि पीड़िता ने 18 सितंबर 2020 को सांगानेर सदर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। रिपोर्ट में बताया गया कि उसके माता-पिता दिन में काम पर चले जाते हैं। उनके मकान में अभियुक्त अजय कुमार डीजे की दुकान करता है। लॉकडाउन के दौरान एक नाबालिग ने उसके साथ बलात्कार किया था। नाबालिग ने यह बात अभियुक्त अजय कुमार को बताई थी। वहीं अजय जून 2020 की शाम उसे जबरन बाथरूम में ले गया और उसके साथ दुष्कर्म किया। जिसके बाद वह गुमसुम रहने लगी और आखिर में घटना की जानकारी परिजनों को दी। रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस अभियुक्त के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र पेश किया। जबकि नाबालिग आरोपी के खिलाफ बाल न्यायालय में अलग से आरोप पत्र दाखिल किया गया। सुनवाई के दौरान अभियुक्त की ओर से कहा गया कि उसे मामले में फंसाया गया है। पीड़िता ने तीन माह की देरी से रिपोर्ट दर्ज कराई है और उसका मेडिकल भी देरी से हुआ है। इस पर अदालत ने कहा कि कोई भी लडकी स्वयं के साथ हुए यौन अपराध को लेकर सहज नहीं रहती है और संकोच के कारण परिजनों को भी जानकारी नहीं देती। मामले में पीड़िता नाबालिग थी और उसने संकोचवश यह मानसिक पीड़ा अपने स्तर पर सुलझाने का प्रयास किया, लेकिन परिस्थितियां खराब होने के चलते उसने परिजनों को इसकी जानकारी देने का साहस किया। यौन हिंसा की पीड़िता अत्यधिक शर्म और समाज व परिजनों के द्वारा तिरस्कृत किये जाने से भयभीत रहती है। इसलिए देरी से रिपोर्ट दर्ज कराने का लाभ अभियुक्त को नहीं मिल सकता। इसके साथ ही अदालत ने दोनों पक्षों की बहस सुनकर अभियुक्त को सजा सुनाई है। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)