प्रयागराजः इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने हाईकोर्ट व प्रदेश की जिला अदालतों, परिवार न्यायालयों, श्रम अदालतों, औद्योगिक अधिकरणों, सभी न्यायिक, अर्द्धन्यायिक संस्थाओं के सभी अंतरिम आदेश को 31 मई तक बढ़ा दिया है। अग्रिम जमानत, जमानत आदेश जिसकी अवधि समाप्त हो रही है, उसे भी कोरोना संक्रमण के चलते 31 मई तक के लिए बढ़ा दिया गया है।
हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार, नगर निकाय, स्थानीय निकाय, सरकारी एजेन्सी व अन्य विभागों आदि द्वारा बेदखली, खाली कराने व ध्वस्तीकरण की कार्रवाई पर 31 मई तक रोक लगा दी है। कोर्ट ने सभी बैंकों, वित्तीय संस्थाओं को संपत्ति या व्यक्ति के खिलाफ 31 मई तक किसी भी प्रकार की उत्पीड़नात्मक कार्रवाई करने से रोक दिया है। कोर्ट ने कहा है कि यदि हाईकोर्ट के इस आदेश से किसी भी पक्ष को कोई परेशानी हो तो वह सक्षम अदालत, अधिकरण में अर्जी दे सकता है, जिसका निस्तारण किया जायेगा। यह सामान्य आदेश अर्जी निस्तारण में बाधक नहीं होगा।
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यह सामान्य समादेश कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय यादव और न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया की खंडपीठ ने स्वतः कायम जनहित याचिका पर दिया है। कोर्ट ने 5 जनवरी को निस्तारित हो चुकी जनहित याचिका को पुनर्स्थापित करते हुए यह सामान्य समादेश जारी किया है। कोर्ट ने यह आदेश अपनी अनुच्छेद 226, अनुच्छेद 227, धारा 482 दंड प्रक्रिया संहिता, धारा 151 सिविल संहिता के अन्तर्गत प्राप्त अंतर्निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए जारी किया है।