मुंबईः भीमा कोरेगांव हिंसा प्रकरण की जांच के लिए महाराष्ट्र सरकार द्वारा गठित दो सदस्यीय जांच आयोग ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार को दो अगस्त को गवाह के तौर पर बयान दर्ज करने के लिए समन जारी किया है। शरद पवार को मुंबई में जांच आयोग के समक्ष बयान दर्ज कराना होगा। जांच आयोग के वकील आशीष सातपुते ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
सातपुते ने बताया कि शरद पवार के अलावा जांच आयोग ने पुणे ग्रामीण के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक सुवेज हक, पुणे के तत्कालीन आयुक्त रवींद्र सेनगांवकर, पुणे के तत्कालीन एसपी संदीप पखाले और तत्कालीन कलेक्टर सौरभ राव को भी समन जारी किया है।
दो सदस्यीय जांच आयोग में पूर्व न्यायाधीश जेएन पटेल और राज्य सरकार के पूर्व सचिव सुमित मलिक शामिल हैं। इस आयोग का कामकाज सूबे में कोरोना की स्थिति को देखते हुए शुरू नहीं हो सका था लेकिन अब आयोग अपना कामकाज दो अगस्त से शुरू कर रहा है। सातपुते ने बताया कि भीमा कोरेगांव हिंसा प्रकरण के बाद शरद पवार ने आयोग को पत्र लिखा था। इसलिए आयोग शरद पवार को समन भेजकर उनका बयान दर्ज करना चाहता है। इस मामले में आयोग दो अगस्त से मामले की नियमित सुनवाई पुणे में शुरू करेगा लेकिन शरद पवार का बयान मुंबई में रिकॉर्ड किया जाएगा।
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उल्लेखनीय है कि 01 जनवरी 2018 को पुणे स्थित भीमा कोरेगांव में हुई जातीय हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और 10 लोग घायल हुए थे। इस मामले में पुलिस ने 162 लोगों पर मामला दर्ज किया है। इस घटना से एक दिन पहले पुणे में आयोजित एलगार परिषद पर हिंसा के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया है।