भारतीय नौसेना ने शुरू की ड्रोन हमले की जांच, अमेरिकी दावे को किया खारिज

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नई दिल्लीः लाल सागर में भारतीय तट के पास दो व्यापारिक जहाजों पर ईरान समर्थित हौथी विद्रोहियों द्वारा किए गए ड्रोन हमले के बाद भारतीय नौसेना (Indian Navy) ने जांच शुरू की है। नौसेना ने रविवार को अमेरिकी दावे को खारिज करते हुए कहा कि एमवी साईबाबा भारतीय ध्वज वाला जहाज नहीं है और चालक दल के सभी 25 भारतीय सदस्य सुरक्षित हैं। दूसरी ओर, लाइबेरिया के ध्वज वाले एमवी चैंप प्लूटो, जिस पर विद्रोहियों ने हमला किया था, को आज सुबह भारतीय तटरक्षक जहाज आईसीजीएस विक्रम की निगरानी में मुंबई की ओर भेजा गया है।

ड्रोन से किए गए थे हमले

दरअसल, ईरान समर्थित हौथी विद्रोहियों ने 23 दिसंबर को लाल सागर में दो जहाजों पर ड्रोन हमले किए थे, जिसमें गैबॉन के स्वामित्व वाले कच्चे तेल के टैंकर एमवी साईबाबा और लाइबेरिया के ध्वज वाले एमवी चैंप प्लूटो शामिल थे। हौथी विद्रोहियों ने दक्षिणी लाल सागर में अंतरराष्ट्रीय शिपिंग लेन पर अपने नियंत्रण वाले क्षेत्रों से दो हौथी जहाज-रोधी बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं। इससे दोनों जहाजों में आग लग गई, लेकिन कोई गंभीर क्षति नहीं हुई। बाद में भारतीय नौसेना और भारतीय तटरक्षक जहाज मौके पर पहुंचे और सहायता प्रदान की और दोनों जहाजों में लगी आग को बुझाया।

लाल सागर में हालात सामान्य होने के बाद संकटग्रस्त व्यापारिक जहाज एमवी चैंप प्लूटो को आज सुबह भारतीय तटरक्षक जहाज आईसीजीएस विक्रम की निगरानी में मुंबई भेज दिया गया है। भारतीय तटरक्षक जहाज विक्रम अरब सागर में लाइबेरिया के ध्वज वाले जहाज एमवी केम प्लूटो को मुंबई तक ले जा रहा है। कल ड्रोन हमले का शिकार हुए व्यापारी जहाज ने आईसीजीएस विक्रम द्वारा एस्कॉर्ट करने का अनुरोध किया था। आईसीजी ने व्यापारिक जहाजों की निगरानी और क्षेत्र में निगरानी करने के लिए डोर्नियर हेलीकॉप्टर भी तैनात किए हैं।

जहाज पर सवार सभी सदस्य सुरक्षित

लाल सागर में दो जहाजों पर ईरान समर्थित हौथी विद्रोहियों द्वारा किए गए ड्रोन हमले में कच्चे तेल का टैंकर एमवी साईबाबा भी शामिल था, जिसके बारे में अमेरिका ने कहा था कि यह एक भारतीय जहाज था। भारतीय नौसेना ने रविवार को स्पष्ट किया कि यह भारतीय ध्वज वाला जहाज नहीं, बल्कि गैबॉन ध्वज वाला जहाज था। भारत ने आज एक बयान में कहा कि जहाज पर सवार सभी 25 भारतीय चालक दल के सदस्य सुरक्षित हैं। अधिकारियों ने बताया कि नौसेना ने भारतीय तट के पास एक व्यापारिक जहाज पर ड्रोन हमले की जांच शुरू कर दी है।

यूएस सेंट्रल कमांड (सेंटकॉम) ने एक बयान में दावा किया कि हौथी विद्रोहियों की गोलीबारी की चपेट में आए दो युद्धपोतों में से एक पर भारतीय ध्वज लगा हुआ था। सेंटकॉम ने एक बयान में कहा, 17 अक्टूबर के बाद से हौथी विद्रोहियों द्वारा वाणिज्यिक शिपिंग पर 14वां और 15वां हमला है। CENTCOM ने एक बयान में दावा किया कि यूएसएस लैबून ने यमन में हौथी-नियंत्रित क्षेत्रों से आ रहे एक मानव रहित हवाई ड्रोन को सफलतापूर्वक रोका और मार गिराया। इस घटना में कोई घायल या क्षति नहीं हुई।

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हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने इजरायली समकक्ष बेंजामिन नेतन्याहू से टेलीफोन पर बातचीत की थी, जिसमें दोनों नेताओं ने समुद्री यातायात की सुरक्षा पर चिंताएं साझा कीं। पीएम मोदी ने प्रभावित लोगों के लिए निरंतर मानवीय सहायता की आवश्यकता दोहराई। उन्होंने बातचीत और कूटनीति के माध्यम से सभी बंधकों की रिहाई सहित संघर्ष के शीघ्र और शांतिपूर्ण समाधान पर जोर दिया। इजरायली प्रधान मंत्री कार्यालय ने ट्विटर पर एक पोस्ट में कहा, “प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बाब-अल-मंडेब में नेविगेशन की स्वतंत्रता हासिल करने के महत्व पर चर्चा की, जिसे हौथी आतंकवादियों के हमले से खतरा है।”

 

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