मुंबईः रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि गंभीर दूरगामी परिणाम डालने वाली दो अप्रत्याशित घटनाओं और कई झटकों के बावजूद देश की अर्थव्यवस्था दुनिया में स्थिरता का एक द्वीप बनी हुई है। दास ने शुक्रवार को मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिवसीय समीक्षा बैठक के बाद प्रेस को संबोधित करते हुए यह बात कही।
आरबीआई गवर्नर ने एमपीसी की समीक्षा बैठक के बाद प्रेंस कान्फ्रेंस में यहां कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था व्यापक स्तर पर उतार-चढ़ाव और अनिश्चितता के बावजूद आज दुनिया में वृहत आर्थिक तथा वित्तीय स्थिरता का ‘प्रतीक’ बनी हुई है। हालांकि आरबीआई गवर्नर ने यह नहीं बताया कि दो अप्रत्याशित घटनाएं क्या हैं लेकिन विगत कुछ समय में कोरोना महामारी और रूस-यूक्रेन युद्ध ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को व्यापक स्तर पर प्रभावित किया है।
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दास ने कहा कि महंगाई दर उच्चतम स्तर को छू चुकी है, जो आने वाले दिनों में अब और नीचे आएगी। अभी यह अस्वीकार्य तौर पर बहुत ऊंचे स्तर पर है। आरबीआई गवर्नर ने यह भी कहा कि देश का चालू खाते का घाटा प्रबंधन योग्य होगा, क्योंकि केंद्रीय बैंक के पास इस अंतर को पाटने की पूरी क्षमता है। दरअसल, बढ़ती खुदरा महंगाई दर पर काबू पाने के लिए आरबीआई ने नीतिगत दर रेपो रेट में 0.5 फीसदी का इजाफा किया है, जो बढ़कर 5.4 फीसदी हो गया है।
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