नई दिल्लीः सैन्य प्रणालियों के स्वदेशीकरण के लिए चल रहे प्रयासों के बीच भारतीय वायु सेना को जल्द ही दो नए साथी ‘अंगद’ और ‘उत्तम’ मिल सकते हैं। अंगद और उत्तम लड़ाकू विमानों (fighter plane) में स्थापित स्वदेशी प्रणालियां हैं। ‘उत्तम’ एक रडार है और ‘अंगद’ एक इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट है। इन स्वदेशी सिस्टम को विमानों में लगाने का फैसला किया गया है।
स्वदेशी रूप से किया जा रहा विकसित
रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक, भारत में बने लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) में ‘उत्तम’ रडार लगाया जाएगा। इसके अलावा विमानों में ‘अंगद’ इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट लगाने का भी फैसला किया गया है। इन नई तकनीकों के इस्तेमाल से सेना की ताकत बढ़ेगी। इससे भारतीय सेना की उपकरणों के लिए विदेशी कंपनियों पर निर्भरता कम हो जाएगी।
सैन्य विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में निर्मित हल्के लड़ाकू विमान ‘मार्क 1ए’ में सबसे पहले ‘उत्तम’ रडार और ‘अंगद’ इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट लगाया जाएगा। रक्षा अधिकारियों का कहना है कि उत्तम एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड एरे रडार और अंगद इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट को स्वदेशी रूप से विकसित किया जा रहा है। यह जल्द ही एलसीए मार्क-1ए विमान के साथ एकीकृत होने के लिए तैयार हो जाएगा।
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गौरतलब है कि भारतीय वायुसेना ने 83 ‘एलसीए मार्क-1ए’ के लिए अनुबंध पर हस्ताक्षर किए थे। वायुसेना का कहना है कि उसे ऐसे 97 विमान और चाहिए तो उसके पास 180 विमान हो जाएंगे। बताया जा रहा है कि इन विमानों के लिए ये नए और आधुनिक सिस्टम देश में ही तैयार किए जा रहे हैं। इसके तहत 41वें विमान से लेकर 83 एलसीए मार्क 1ए विमान, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सूट और एईएसए रडार का ऑर्डर भारत में बनाया जाएगा।
भारत स्वदेशी उपकरणों को दे रहा बढ़ावा
दरअसल, भारत रक्षा के क्षेत्र में स्वदेशी उपकरणों को बढ़ावा दे रहा है। भारतीय वायुसेना ने भी रक्षा मंत्रालय के समक्ष 156 स्वदेशी लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर ‘प्रचंड’ की मांग रखी है। इससे वायुसेना की ताकत में जबरदस्त इजाफा होगा। एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि सभी 156 हेलीकॉप्टर स्वदेशी होंगे। सभी ‘प्रचंड’ हेलीकॉप्टरों का निर्माण हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है।
प्रचंड हेलीकॉप्टर सेना की लड़ाकू खोज और बचाव, शत्रु वायु रक्षा को नष्ट करने, उग्रवाद विरोधी अभियानों और दूर से संचालित विमानों को मार गिराने में बहुत मददगार हैं। ये हेलीकॉप्टर ऊंचाई वाले बंकर तोड़ने के ऑपरेशन में भी काफी मददगार होते हैं। इस पर 700 किलोग्राम तक वजन वाले हथियार फिट किए जा सकते हैं।
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