डॉक्टरों की अनिश्चितकालीन हड़ताल, सरकारी अस्पतालों में भटकते दिखे मरीज

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अनूपपुर : सरकार को दो दिन की आंशिक हड़ताल की चेतावनी के बाद सरकारी डॉक्टरों ने तीन मई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। अनूपपुर जिले के 51 सरकारी चिकित्सक बुधवार को अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गये हैं।

जिले के अस्पतालों में पदस्थापित सभी सरकारी चिकित्सक अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी करते हुए जिला अस्पताल के सामने पंडाल लगाकर हड़ताल पर चले गये और अपनी मांगों को शीघ्र पूरा करने की मांग की। इस दौरान मरीजों को अपने इलाज के लिए परेशान होना पड़ा। वहीं मरीजों को हड़ताल से राहत दिलाने के लिए आयुष चिकित्सकों, निजी अस्पतालों व एसईसीएल जमुना कोतमा के चिकित्सकों के साथ विभिन्न अस्पतालों में सीएचओ तैनात किए गए हैं। वहीं, दोपहर तक 200 से अधिक मरीजों ने इलाज के लिए पर्ची कटवा दी थी, लेकिन डॉक्टरों की अनिश्चितकालीन हड़ताल के कारण बिना इलाज के ही वापस लौटना पड़ा।

मध्यप्रदेश चिकित्सा अधिकारी संघ डीएसीपी योजना लागू करने सहित अन्य मांगों को लेकर जनवरी से हड़ताल पर है। आज एक बार फिर जिले भर के 51 चिकित्सक जिला अस्पताल के सामने धरने पर बैठ गये हैं. मध्य प्रदेश चिकित्सा अधिकारी संघ के जिलाध्यक्ष जनक सरिवान ने कहा कि राज्य सरकार ने आश्वासन दिया था कि आपकी मांगों को जल्द ही पूरा किया जाएगा. इसके बावजूद आज तक मांगों को पूरा नहीं किया जा सका। जिससे जिले भर के डॉक्टरों को हड़ताल पर बैठना पड़ा। हड़ताल पर जाने के कारण जिला अस्पताल की इमरजेंसी सेवा सहित सभी सेवाएं बाधित हो रही हैं।

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एसईसीएल के डॉक्टर दे रहे हैं सेवा

जिला अस्पताल के सभी डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने के बाद मरीजों की परेशानी को देखते हुए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एससी राय ने एसईसीएल के दो डॉक्टरों को ड्यूटी पर लगा दिया है. ताकि मरीजों को किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े। लेकिन उसके बाद भी जिला अस्पताल में कई आपातकालीन सेवाएं प्रभावित हैं, दोपहर तक ओपीडी में सिविल सर्जन, आयुष चिकित्सक व एसईसीएल के चिकित्सक सहित सीएचओ तैनात रहें। वहां कोई आयुष चिकित्सक शाम को तैनात रहता है।

गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी के मामले में जिला अस्पताल में एक भी महिला डॉक्टर मौजूद नहीं है। सीएमएचओ ने बताया कि नॉर्मल डिलीवरी नर्स करेंगी। वहीं आपात स्थिति में गर्भवती महिला को रेफर किया जाएगा। ज्ञात हो कि दो मई को जिला अस्पताल में दो बच्चों का जन्म हुआ था. जिनका वजन 500 ग्राम है और उनकी हालत भी गंभीर बनी हुई है। सिविल सर्जन द्वारा उसकी देखभाल की जा रही है।

संविदा कर्मचारी पहले से ही हड़ताल पर

संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ अपनी विभिन्न मांगों को लेकर पहले से ही अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है। जिला अस्पताल सहित सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में कार्यरत 450 संविदा स्वास्थ्य कर्मियों की हड़ताल से अस्पताल में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है।

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