Ind vs Aus 2nd Test: बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी सीरीज अब तक भारतीय टीम के लिए अच्छी रही है। पर्थ टेस्ट जीतने के बाद टीम इंडिया का काफिला एडिलेड पहुंच चुका है। भारतीय प्रशंसकों के लिए राहत की खबर यह है कि कप्तान रोहित शर्मा वापस आ गए हैं, जबकि चोटिल शुभमन गिल की वापसी के संकेत सामने आए हैं।
Ind vs Aus 2nd Test: शुभमन गिल हुए फिट
दरअसल टीम इंडिया के शीर्ष क्रम के बल्लेबाज शुभमन गिल शुक्रवार को कैनबरा में टीम के अभ्यास सत्र में बल्लेबाजी के लिए लौटे। वह बाएं अंगूठे की चोट के कारण पर्थ में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी टेस्ट सीरीज के पहले मैच से बाहर थे। गिल ने शनिवार और रविवार को मनुका ओवल में प्रधानमंत्री एकादश के खिलाफ भारत के दो दिवसीय अभ्यास मैच से पहले बल्लेबाजी सत्र में थ्रोडाउन का सामना किया।
30 मिनट तक इसका सामना करने के बाद, उन्होंने प्रसिद्ध कृष्णा, आकाश दीप और यश दयाल का भी कुछ समय तक सामना किया, जिससे गिल की 6 दिसंबर से एडिलेड ओवल में शुरू होने वाले दूसरे गुलाबी गेंद टेस्ट में संभावित वापसी के पहले संकेत मिले।
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BCCI ने शेयर किया वीडियो
बीसीसीआई द्वारा ‘एक्स’ पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में गिल ने कहा, “चोट के बाद यह मेरा पहला अभ्यास का दिन था। मैं बस यह जानने की कोशिश कर रहा था कि चोट कितनी अच्छी तरह ठीक हुई है, क्या मुझे खेलते समय किसी तरह की असुविधा या दर्द हो रहा है। लेकिन यह वास्तव में मेरी और कमलेश भाई (जैन, भारतीय टीम के फिजियो) की अपेक्षा से बेहतर रहा और मैं इससे बहुत खुश हूं।” उनकी अनुपस्थिति में, देवदत्त पडिक्कल को भारत ‘ए’ के लिए टीम में शामिल किया गया। उन्होंने 0 और 25 रन बनाए। भारत ने इस मैच को 295 रनों से जीत लिया था। साथ ही पांच मैचों की श्रृंखला में 1-0 की बढ़त बना ली है।
Shubman Gill hits the nets for the first time since his thumb injury that forced him to miss the Perth Test.
Here’s how the star batter is shaping up! #TeamIndia | #AUSvIND | @ShubmanGill pic.twitter.com/sZtbvQhgLn
— BCCI (@BCCI) November 29, 2024
गुलाबी गेंद से खेलना काफी चुनौतीपूर्ण
बता दें कि भारत ने अब तक चार डे-नाइट टेस्ट खेले हैं और एकमात्र हार चार साल पहले एडिलेड में मिली थी जब टीम 36 रन पर ऑल आउट हो गई थी। हालांकि, इसके बाद टीम इंडिया ने जबरदस्त वापसी करते हुए चार टेस्ट मैचों की सीरीज जीत ली। दरअसल सूर्यास्त के समय गुलाबी गेंद से खेलना काफी चुनौतीपूर्ण होता है। चूंकि अभ्यास मैच को प्रथम श्रेणी मैच का दर्जा प्राप्त नहीं है, इसलिए अधिकांश भारतीय बल्लेबाज अभ्यास करना चाहेंगे।
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