नई दिल्लीः माहे रमज़ान अब हम सबसे विदा लेने वाला है। इस दौरान देश-दुनिया के मुसलमान पूरे जोश-खरोश के साथ ईद की तैयारियों में व्यस्त हैं। ईद इस साल 22 या 23 अप्रैल को मनाई जाएगी। ईद बेहतर तरीके और अधिक सौहार्द के साथ मनाई जाए, इसके लिए मुस्लिम बुद्धिजीवियों के संगठन इम्पार ने गत वर्षों की तरह इस बार भी कुछ गाइडलाइन जारी की है।
ईद दुनियाभर में मुसलमानों का सबसे बड़ा त्योहार है। यह रमजान के एक महीने के रोज़े के बाद अल्लाह की तरफ से रोज़ेदारों को ईनाम है। ईद खुशी बांटने और एक-दूसरे की परवाह करने के साथ साथ भाईचारे की भावना से एक साथ मनाने के बारे में है। इसीलिए इम्पार ने इस पावन अवसर पर अपील की है कि आइए हम ईद के प्रेम और भाईचारा के संदेश को फैलाएं।
इम्पार के अध्यक्ष एमजे खान ने संगठन की तरफ से जारी दिशा-निर्देशों में कहा है कि सड़कों पर नमाज अदा करने से बचें। सार्वजनिक स्थानों पर इबादत कर हम लोगों के अधिकारों का उल्लंघन करते हैं और दूसरों को असुविधा पहुंचाते हैं। अगर लोगों की संख्या अधिक है तो एक से अधिक जमात करना बेहतर विकल्प है। वाहनों की पार्किंग आरक्षित क्षेत्रों में करें या सड़क पर इस तरह से की जाए कि इससे कोई असुविधा न हो। पार्किंग प्रबंधन के लिए मस्जिदों और ईदगाह में स्वयंसेवकों के समूह बनाए जा सकते हैं। यदि घर से मस्जिद की दूरी कम हो तो अपनी कार ले जाने से बचें। इसके बजाय सार्वजनिक परिवहन लेना बेहतर है।
इस गाइडलाइन में कहा गया है कि ईदगाहों और मस्जिदों, जहां ईद की नमाज पढ़ी जानी है, बेहतर भीड़ प्रबंधन के लिए पुलिस और स्थानीय प्रशासन के साथ सहयोग करें। संभावित कठिनाई के मामले में, अतिरिक्त बल के लिए स्थानीय पुलिस स्टेशन से अनुरोध करें। जनता को असुविधा से बचाने के लिए खुतबा के लिए लाउडस्पीकर की आवाज को धीमा रखें।
अपने दोस्तों और पड़ोसियों को एक साथ जश्न मनाने, खुशियां बांटने, सद्भाव फैलाने और दिन में और आकर्षण जोड़ने के लिए धर्म के भेदभाव के बिना सभी को आमंत्रित करें। नमाज के बाद आसपास के क्षेत्रों की उचित सफाई की जानी चाहिए, क्योंकि इस मौके पर लगने वाली दुकानों से बहुत सारा खाना फैल जाता है और विक्रेता आमतौर पर बिना सफाई करे चले जाते हैं। मिठाई या सिवई खिलाना वास्तव में अच्छा विचार होगा।
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इम्पार ने लोगों से अनुरोध करते हुए कहा है कि आइए हम खुशियां बांटकर और सभी का ख्याल रखते हुए ईद मनाएं और ईद को और अधिक सुन्दर बनाएं। यह एक ऐसा दिन है जब बच्चे बड़ी संख्या में समारोहों में भाग लेते हैं, उन्हें एक अच्छा और प्रेरक संदेश दें, नमाज के बाद खिलौने, स्टेशनरी और अच्छी किताबें वितरित करें। उन्हें प्रेरणा दें साथ ही सामाज से जुड़े कार्य करें। हम सब मिलकर विश्वास, प्रेम और करुणा पर आधारित एक अच्छा समाज बना सकते हैं।
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