IIT के प्रोफेसर का दावा, डेल्टा से तेज फैल रहा ओमिक्रोन, घबराने की जगह बरतें सावधानियां

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कानपुरः वैश्विक महामारी कोरोना में आये नये वैरिएंट ओमिक्रोन को लेकर लोगों में एक बार चिंता का विषय बन गया है। जिसको लेकर आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर मणीन्द्र अग्रवाल बराबर कोरोना पर स्टडी कर रहे हैं। अपनी स्टडी के अनुसार उन्होंने बताया कि अब उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में ओमिक्रोन ने दस्तक दे दी है। यह ऐसा वैरिएंट है जो डेल्टा से भी तेजी से फैल रहा है और लोगों को घबराने की जगह सावधानियां बरतना चाहिये। यही नहीं जिस प्रकार से यह वैरिएंट फैल रहा है उसको देखते हुए सरकारी अस्पतालों को भी अभी से तैयारी रखनी होगी। कोरोना को लेकर आईआईटी के प्रोफसर व पद्मश्री मणीन्द्र अग्रवाल दो साल से बराबर अध्ययनरत हैं और अपनी स्टडी को समय-समय पर जनता के बीच लाते रहते हैं। हाल ही में उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में मुंबई से आए दंपति ओमिक्रोन की चपेट में आ गये तो उन्होंने एक बार फिर अपनी स्टडी के मुताबिक जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि कोरोना का नया वैरिएंट ओमिक्रॉन तेजी से देश में फैल रहा है। दिल्ली, मुंबई, तेलंगाना के बाद यूपी में भी ओमिक्रॉन पहुंच गया है। ऐसे में आज नहीं तो कल उत्तर प्रदेश में ओमिक्रॉन आने ही वाला था। पहले ही सबको आगाह किया गया था। सोशल डिस्टेंसिंग के पालन न करने, मास्क लगाने में लापरवाही बरतने पर यह और फैलेगा। यह डेल्टा से ज्यादा जल्दी फैलता है और सावधानियां न बरती गई तो उत्तर प्रदेश में भी जल्द यह वैरिएंट खतरनाक हो सकता है।

वैक्सीन लगवाने वाले भी रहें सावधान
उन्होंने बताया कि जो भी मरीज पाए गए हैं उनको नियमित तरीके से आइसोलेट करके कांटैक्ट ट्रेसिंग करनी चाहिए। साथ ही उस जिले के स्वास्थ्य विभाग को इसलिए तैयार रहना चाहिए कि कभी भी यह नया वायरस घातक रूप ले सकता है। आगे कहा कि जिस तरह नया वैरिएंट फैल रहा है। उसे देखते हुए इसकी स्टडी एक बार फिर से करनी पड़ेगी। नए वैरिएंट को लेकर अब तक जो देखने को मिला है उसके अनुसार जिन लोगों ने वैक्सीन लगवा ली है, उनको भी यह वैरिएंट अपनी चपेट में ले रहा है। यह बात डेल्टा वैरिएंट के समय भी देखने को मिली थी।

डीएनए में बदलाव कर रहा है वैरिएंट
प्रोफसर ने बताया कि जिनकी इम्यूनिटी कम होगी, उनके लिए यह चिंता का विषय है। हालांकि भारत में नेचुरल इम्युनिटी बेहतर है। यह वैरिएंट जिस तरह से अपने डीएनए में बदलाव कर रहा है उसे देखते हुए कुछ प्रीकॉशन रखने पड़ेगे। दूसरी लहर जैसे हालात न बने, इसके लिए हम सब को प्रोटोकॉल मानने चाहिए। अस्पतालों में ऑक्सीजन और स्टाफ की जरूरत पड़ सकती है। ऐसे में सरकारी अस्पतालों को पहले से तैयारी रखनी होगी।

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पहली और दूसरी लहर में सच साबित हुई स्टडी
प्रो. मणीन्द्र अग्रवाल कोरोना को लेकर अपने गणितीय मॉडल से अध्ययन कर रहे हैं और जनता के बीच भी अपने अध्ययन को सामने लाते हैं। उन्होंने कोरोना की पहली और दूसरी लहर में जो स्टडी करके जानकारियां दी थी वह शत प्रतिशत सही पायी गई। अब कोरोना के नये वैरिएंट ओमिक्रोन को लेकर प्रोफेसर मणीन्द्र अग्रवाल की स्टडी जारी है।

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