Cyclone Biperjoy: अरब सागर में उठे चक्रवात तूफान बिपरजॉय (Cyclone Biperjoy) का प्रभाव भारत में दिखना शुरू हो गया है। हालांकि इसके भारत पहुंचने में अभी दो दिन का समय है। हालांकि भारत में इसका असर दिखने लगा है। बिपरजॉय की वजह से आज समुद्र में कई फीट ऊंची लहरें उठ रही हैं। इसके कारण पश्चिम-दक्षिण तटीय इलाकों में बारिश भी हो रही है।
उधर मुंबई में बिपरजॉय तूफान (Cyclone Biperjoy) के अलर्ट के बावजूद 6 लड़के जुहू बीच में नहाने के लिए उतरे और समुद्र में तेज लहरें होने के कारण सभी 6 डूबने लगे। हालांकि इनमें से दो को लाइफगार्ड ने किसी तरह बचा लिया, लेकिन 4 लड़के समुद्र में डूबते हुए काफी अंदर चले गए। अभी तक दो के शव बरामद हुए हैं। जबकि दो लड़कों की तलाश के जारी है।
चक्रवात बाइपरजॉय को लेकर तटीय इलाकों में चेतावनी जारी
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अधिकारियों ने कहा है कि बिपरजॉय फिलहाल पोरबंदर से 290 किमी और जखाऊ बंदरगाह से 360 किमी दूर है। बिपरजॉय 15 जून की शाम तक जखाऊ बंदरगाह के पास सौराष्ट्र और कच्छ तट से टकराने की संभावना है। इसे बेहद गंभीर श्रेणी में रखा गया है। उधर, बिपरजॉय की वजह से मुंबई में मरीन ड्राइव पर हाई टाइड देखा गया। बिपरजॉय को लेकर तटीय इलाकों में चेतावनी जारी की गई है। बिपरजॉय 16 जून तक राजस्थान पहुंचेगा। इस वजह से उत्तर पश्चिम रेलवे ने कुछ ट्रेनों को रद कर दिया है। राजस्थान के कई इलाकों में 16-17 जून को भारी बारिश होने की संभावना है।
तूफान (Cyclone Biperjoy) के खतरे को देखते हुए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल ने 12 टीमों को तैनात किया है। आपात स्थिति के लिए 15 टीमों को तैयार रखा गया है। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने गुरुवार और शुक्रवार को दिल्ली, राजस्थान, उत्तराखंड और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बिपर्जोय के कारण हल्की बारिश की संभावना जताई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को समीक्षा बैठक में बिपार्जॉय की गंभीरता को देखते हुए संवेदनशील जगहों से लोगों को निकालने को कहा।
145 किलोमीटर प्रति घंटे रफ्तार से चल सकती है हवा
चक्रवात के दौरान 125 से 135 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने वाला तूफान भी आ सकता है। हवा की गति 145 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच सकती है। बिपारजॉय की गंभीरता को देखते हुए भारतीय तटरक्षक बल और नौसेना ने राहत, खोज और बचाव कार्यों के लिए जहाजों और हेलीकॉप्टरों को तैनात किया है। वायुसेना और थल सेना की इंजीनियरिंग टास्क फोर्स इकाइयां भी तैयार हैं।
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