नई दिल्लीः कोरोना के डेल्टा प्लस वेरिएंट पर कोवैक्सिन प्रभावी है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के अध्ययन के मुताबिक भारत बायोटेक की कोवैक्सिन कोरोना के डेल्टा के सभी प्रकार पर असरदार है। कोवैक्सिन के साथ कोविशील्ड और स्पूतनिक-वी को भारत में आपात इस्तेमाल की मंजूरी दी गई है।
सोमवार को जारी आईसीएमआर के इस अध्ययन में तीन समूहों के खून के सैंपल पर जांच की गई। इसमें पहले समूह में वो लोग शामिल किए गए, जिन्हें कोवैक्सिन के दोनों डोज लगाए गए ( इसमें 24 महिलाएं और 18 पुरुष), दूसरे समूह में कोरोना के मरीज रह चुके लोगों को शामिल किया गया, जिन्हें कोवैक्सिन के दोनों डोज लगाए गए थे (8 महिलाएं और 6 पुरुष), और तीसरे समूह में उन लोगों को शामिल किया गया, जिन्हें दोनों डोज लगाने के बाद कोरोना हो गया था (17 महिलाएं और 13 पुरुष)।
इस अध्ययन में यह नतीजा सामने आया कि तीसरे समूह के लोगों में पहले और दूसरे समूह के मुकाबले ज्यादा एंटीबॉडीज बनी जबकि पहले और दूसरे समूह में भी आवश्यकता से अधिक ही एंटीबॉडीज बनी। कुल मिलाकर तीनों समूहों में कोवैक्सिन कोरोना के डेल्टा वेरिएंट पर पूरी तरह कारगर साबित हुआ है।
इससे पहले, भारत बायोटेक ने कहा था कि कोवैक्सिन ने रोगसूचक कोरोना के खिलाफ 77.8 प्रतिशत प्रभावशीलता और नए डेल्टा संस्करण के खिलाफ 65.2 प्रतिशत सुरक्षा का प्रदर्शन किया है। कोवैक्सिन गंभीर कोरोना मामलों के खिलाफ 93.4 प्रतिशत प्रभावी है। प्रभावकारिता डेटा ने एसिम्टोमैटिक कोरोना के खिलाफ 63.6 प्रतिशत सुरक्षा का दावा किया है।
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