Laddu Mar Holi 2024: देशभर में रंगों के त्योहार होली की तैयारियां चल रही हैं। इस साल होली 25 मार्च को मनाई जाएगी। वहीं भगवान कृष्ण की नगरी मथुरा और उसके आसपास के इलाकों में आज से होली का जश्न शुरू हो गया है। यहां मथुरा, वृन्दावन और बरसाना में होली के कई रंग हैं।
यहां होली खेलने का अपना अलग ही अंदाज होता है। रंग-गुलाल के साथ फूलों की होली, कहीं लड्डू तो कहीं लट्ठमार होली मनाने की परंपरा है। मथुरा और बरसाना की होली का उत्सव देखने के लिए देश-विदेश से लोग यहां पहुंचते हैं। यहां की लड्डूमार और लट्ठमार होली विश्व प्रसिद्ध है।
मथुरा में आज यानी 17 मार्च को लड्डूमार होली (Holi 2024) बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाई जाएगी। इस मौके पर हजारों किलों लड्डू बरसाए जाएंगे। लड्डूमार होली भगवान श्री कृष्ण की नगरी मथुरा सहित वृन्दावन और बरसाना में हर्षोल्लास के साथ होली खेली जाती है। यहां होली के दौरान लोग सब कुछ छोड़कर राधा-कृष्ण की भक्ति में लीन हो जाते हैं। मथुरा-बरसाना की होली का जश्न देखने के लिए लोग देश-विदेश से यहां पहुंचते हैं और होली का आनंद लेते हैं।
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क्यों खेली जाती है लड्डूमार होली ?
दरअसल मथुरा में परंपरा है कि लड्डूमार होली के दिन बरसाना से राधा रानी की सखियां निमंत्रण स्वरूप गुलाल लेकर कान्हा के घर नंदगांव जाती हैं। जहां वह होली खेलने के लिए आमंत्रित करती हैं। इस दौरान लड्डूमार होली खेलने की परंपरा है। नंदगांव में लट्ठमार होली का निमंत्रण स्वीकार करने के बाद ही श्रीजी मंदिर बरसाना में लड्डूमार होली का आयोजन किया जाता है।
बरसाना की लड्डूमार होली देखने के लिए न केवल ब्रजवासी बल्कि देश-विदेश से लोग मथुरा आते हैं। ऐसी मान्यता है कि भले ही लड्डूमार होली में सैकड़ों लड्डू लोगों पर फेंके जाते हैं, लेकिन हर किसी को लड्डू नहीं मिलते और जिसे एक साबूत लड्डू मिलता है, उसे राधा रानी की असीम कृपा मिलती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। साथ ही कृष्ण-राधा के आशीर्वाद से उनके घर हमेशा धन-धान्य से भरा रहता है।
लड्डूमार होली की पौराणिक कथा
बता दें कि लड्डूमार होली की परंपरा कई सालों से चली आ रही है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, द्वापर युग में नंद बाबा ने राधा रानी के पिता के होली के निमंत्रण को स्वीकार कर लिया था, जिसके बाद नंद बाबा ने पुजारियों को स्वीकृति पत्र भेजा था। इन पुजारियों का स्वागत करते समय उन्हें खाने के लिए लड्डू भी दिए गए, फिर जब बरसाना की गोपियां गुलाल लगाने लगीं तो पुजारियों ने उन लड्डूओं की वर्षा की और यहीं से लड्डूमार होली की परंपरा शुरू हुई और इस परंपरा का पालन बरसाना और नंदगांव में किया जाता है। लोग आज भी इस परंपरा का पालन कर रहे हैं।
ब्रज में खेली जाने वाली Holi 2024 लिस्ट
17 मार्च 2024- श्रीजी मंदिर (बरसाना) में लड्डू होली
18 मार्च 2024- लट्ठमार होली (बरसाना)
19 मार्च 2024- नंद भवन (नंदगांव) में लट्ठमार होली
20 मार्च 2024- रंगभरी एकादशी (वृंदावन)
21 मार्च 2024- बांके बिहारी मंदिर (गोकुल) में छड़ीमार होली, फूलों की होली
22 मार्च 2024- गोकुल होली
24 मार्च 2024- होलिका दहन
25 मार्च 2024- पूरे ब्रज में होली मनाई जाएगी.
26 मार्च 2024- दाऊजी का हुरंगा
30 मार्च 2024- रंग पंचमी पर रंगनाथ जी मंदिर में होली।
2023 से बेहतर होगी 2024 की होली
बता दें कि पिछले साल 2023 होली 7 और 8 मार्च को मनाई गई थी। 2023 में होलिका दहन 07 मार्च को किया जाएगा। जबकि अगले दिन 08 मार्च 2023 को रंगवाली होली खेली गई गई थी। हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि 06 मार्च 2023 को शाम 04 बजकर 17 मिनट पर शुरू हुई थी और इसका समापन अगले दिन 07 मार्च 2023 को शाम 06 बजकर 09 मिनट खत्म हुई थी।
हालांकि 2022 की तरह पिछले साल 2024 में भी होली पर कोरोना को लेकर लोगों के अंदर कहीं न कहीं डर था। लोग कोरोना को लेकर कभी सहमे हुए थे। लेकिन इस बार 2024 में लोग होली को लेकर काफी उत्साहित। इसके लिए तैयारियां भी शुरु कर दी है।
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