Hit and Run: ट्रकों व कैब की हड़ताल से जनजीवन अस्त व्यस्त, टूटी सप्लाई चेन

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Hit and Run, चंडीगढ़ः नए हिट एंड रन कानून के विरोध में चल रही हड़ताल का असर हरियाणा में जनजीवन पर पड़ने लगा है। मंगलवार को दूसरे दिन भी राज्य में हड़ताल जारी रहेगी। जिसके कारण पेट्रोल और डीजल की कमी हो सकती है। निजी ट्रक चालकों ने मंगलवार से पानीपत रिफाइनरी और बहादुरगढ़ प्लांट से तेल लोड करने से इनकार कर दिया है। हरियाणा में इस हड़ताल के चलते पेट्रोल पंपों पर मंगलवार रात तक असर दिख सकता है। अगर हड़ताल लंबी चली तो इसका असर बाजार और मंडियों पर भी देखने को मिल सकता है।

दिनभर परेशान रहे लोग

सोमवार को हड़ताल का असर हरियाणा के जींद, कैथल, करनाल, कुरूक्षेत्र, हिसार, फतेहाबाद, सिरसा और यमुनानगर जिलों में देखने को मिला। राज्य में कई जिले ऐसे हैं जहां सरकारी बस सेवा नहीं है। जिसके चलते लोग प्राइवेट कैब पर निर्भर हैं। सोमवार को हड़ताल के कारण हजारों लोग दिनभर परेशान रहे।

हरियाणा पेट्रोल पंप एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष एवं विधायक शमशेर सिंह गोगी ने आज यहां जारी एक बयान में कहा कि अगर यह कानून लागू रहेगा तो कोई गाड़ी नहीं चलाएगा। सरकार को इस कानून पर पुनर्विचार करना चाहिए। इस बीच राज्य के ऑटो चालकों ने भी मंगलवार की हड़ताल में शामिल होने की घोषणा की है।

एक्सीडेंट के बाद ड्राइवर पर हमला कर सकती है भीड़

दरअसल केंद्र सरकार द्वारा सड़क हादसों पर नियंत्रण करने के लिए ‘हिट एंड रन’ कानून में बदलाव किया गया है। आंकड़ों पर नजर डालें तो नए कानून की सख्ती की वजह समझ में आ सकती है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक हर साल 50 हजार लोग हिट एंड रन केस में अपनी जान गंवा देते हैं।

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विरोध कर रहे ड्राइवरों का तर्क है कि अगर वे टक्कर मारने के बाद भागेंगे तो उन्हें नए कानून के तहत सख्त सजा मिलेगी और अगर रुकेंगे तो मौके पर मौजूद भीड़ उन पर हमला कर सकती है। अक्सर सड़क हादसे के बाद मौके पर मौजूद भीड़ उग्र हो जाती है और ड्राइवर पर हमला कर देती है। कई बार तो ये हिंसक भीड़ सिर्फ पिटाई तक ही नहीं रुकती और मामला मॉब लिंचिंग का रूप ले लेता है।

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