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Himachal Pradesh Budget 2023: सुक्खू सरकार ने दी करदाताओं को राहत, 53,413 करोड़ का बजट पेश

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शिमला: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश विधानसभा में वितीय वर्ष 2023-24 के लिए 53 हजार 413 करोड़ रुपये का बजट पेश किया। यह पिछले वर्ष के बजट की तुलना में दो हज़ार करोड़ अधिक है। मुख्यमंत्री सुक्खू ने वित मंत्री के तौर पर अपने पहले बजट में कोई भी नया कर नहीं लगाया है।

विधानसभा में बजटीय भाषण में मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2023-24 में राजस्व प्राप्तियां 37,999 करोड़ रहने का अनुमान है, जबकि राजस्व व्यय 42,704 करोड़ रुपये अनुमानित है। इस प्रकार कुल राजस्व घाटा 4,704 करोड़ रुपये अनुमानित है। बजट में राजकोषीय घाटा 9,900 करोड़ रुपये अनुमानित है, जो कि प्रदेश सकल घरेलू उत्पाद का 4.61 प्रतिशत है। बजट के अनुसार प्रति सौ रुपये में से वेतन पर 26 रुपये, पेंशन पर 16 रुपये, ब्याज अदायगी पर 10 रुपये, ऋण अदायगी पर 10 रुपये, स्वायत संस्थानों के लिए ग्रांट पर नौ रुपये, जबकि शेष 29 रुपये विकास व अन्य कार्यों पर खर्च किए जाएंगे। सुक्खू ने बताया कि वर्ष 2022-23 के संशोधित अनुमानों के अनुसार कुल राजस्व प्राप्तियां 38,915 करोड़ रुपये हैं, जबकि राजस्व व्यय 45,115 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। वहीं राजस्व घाटा 6,170 करोड़ अनुमानित है।

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मुख्यमंत्री ने अपने सवा दो घंटे के लम्बे बजट भाषण में करीब एक दर्जन नई योजनाओं की घोषणाएं की है। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बजट में आगामी वित वर्ष के दौरान विभिन्न सरकारी विभागों में 25 हजार पदों को भरने का लक्ष्य रखा है, जिससे प्रदेश में युवाओं के लिए रोजगार के द्वार खुलेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि विधायक एच्छिक निधि को 12 लाख से बढ़ाकर 13 लाख प्रति विस क्षेत्र बढ़ाया है। इसके अलावा विधायक क्षेत्र विकास निधि की राशि को दो करोड़ से बढ़ाकर 2 करोड़ 10 लाख रुपये प्रति विधानसभा किया है।

मुख्यमंत्री सुक्खू ने आईटी शिक्षकों के मानदेय में दो हज़ार प्रति माह और एसएमसी शिक्षकों के मानदेय में 500 रुपये प्रति माह की बढ़ोतरी की घोषणा भी की है। इसके अतिरिक्त आशा वर्कर, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आंगनबाडी सहायिका, सिलाई अध्यापिका, पंचायत चौकीदार, राजस्व चौकीदार व मिड डे मील वर्कर, नम्बरदार, जलगार्ड, पैरा फिटर, पम्प ऑपरेटर के मानदेय में 500 रुपये प्रतिमाह की वृद्धि हुई है। दिहाड़ी को 25 रुपये बढ़ाया गया है। अब दिहाड़ी 375 रुपये हो गई है। प्रदेश में बिकने वाली शराब पर प्रति बोतल 10 रुपये दूध सेस लगाया जाएगा। जिससे प्रतिवर्ष लगभग 100 करोड़ रुपये की प्राप्ति होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस धनराशि का उपयोग दुग्ध उत्पादन बढ़ाकर दूध उत्पादकों की आय में वृद्धि के लिए किया जाएगा।

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