Himachal Pradesh, शिमलाः हिमाचल प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से सुस्त पड़ा मानसून फिर सक्रिय हो गया है। येलो अलर्ट के बीच प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में बारिश शुरू हो गई है। सिरमौर जिले में बीती रात से ही भारी बारिश हो रही है। इससे जिले की नदियां उफान पर हैं। श्री रेणुका जी में गिरि नदी का जलस्तर बढ़ने से जटोन डैम के दो गेट खोलने पड़े और पानी छोड़ना पड़ा। रात करीब पौने दो बजे डैम से पानी छोड़ा गया। इससे यमुना नदी का जलस्तर बढ़ गया है।
अलर्ट पर पुलिस स्टेशन
प्रशासन ने यमुना नदी के किनारे रहने वाले लोगों से सतर्क रहने की अपील की है। जिला प्रशासन ने पुलिस स्टेशन श्री रेणुका जी, पुलिस स्टेशन पुरुवाला, पुलिस स्टेशन माजरा और पुलिस स्टेशन पांवटा साहिब को अलर्ट पर रखा है और साथ ही डैम से छोड़े गए पानी की जानकारी भी दे दी है। साथ ही नदी के किनारे रहने वाले लोगों को अलर्ट रहने की हिदायत दी गई है। पिछले 3-4 दिनों से शिमला में धूप खिलने से लोगों को भारी बारिश से राहत मिल रही थी। प्रदेश के मैदानी और जनजातीय क्षेत्रों में घने बादल छाए हुए हैं और बारिश के पूरे आसार हैं।
मौसम विभाग ने आज और कल मैदानी और मध्य पर्वतीय क्षेत्रों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। इससे लोगों की परेशानियां बढ़ सकती हैं। विभाग ने अगले 24 घंटों के दौरान यानी मंगलवार शाम साढ़े पांच बजे तक आठ जिलों में बाढ़ का खतरा जताया है। मंडी, कांगड़ा, चंबा, शिमला, सिरमौर, सोलन, कुल्लू और किन्नौर जिलों में बाढ़ की चेतावनी जारी की गई है। इन जिलों के लोगों को घरों से निकलते समय सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। लोगों को भूस्खलन संभावित क्षेत्रों की यात्रा न करने और नदी-नालों से दूर रहने की हिदायत दी गई है। विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार 8 सितंबर तक प्रदेश में मौसम खराब रहेगा।
नाहन और नैना देवी में सबसे ज्यादा बारिश
मौसम विभाग के अनुसार बीती रात सिरमौर जिले के मुख्यालय नाहन में सबसे ज्यादा 143 मिमी बारिश दर्ज की गई। इसके अलावा बिलासपुर के नैना देवी में 130 मिमी, सिरमौर के पच्छाद में 86 मिमी, पांवटा साहिब में 72 मिमी, धौला कुआं में 66 मिमी, कटौला में 55 मिमी, सुंदरनगर में 46 मिमी, पंडोह में 34 मिमी, चंबा में 33 मिमी और भरमौर में 32 मिमी बारिश दर्ज की गई। कांगड़ा, सुंदरनगर और पालमपुर में आंधी और बिजली गिरने का असर देखने को मिला।
मानसून से 1265 करोड़ रुपये का नुकसान, 271 मौतें
मानसून सीजन में सामान्य से 25 फीसदी कम बारिश हुई है। बावजूद इसके बारिश ने राज्य भर में भारी तबाही मचाई। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार मानसून के कारण 1265 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। लोक निर्माण विभाग को सबसे अधिक 588 करोड़ रुपये जबकि जल शक्ति विभाग को 499 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। मानसून सीजन में बारिश से संबंधित हादसों में कुल 271 लोगों की मौत हुई है।
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इनमें से 23 की मौत बादल फटने, 26 की डूबने से, आठ की बाढ़ से, छह की भूस्खलन से, 38 की ऊंचाई से फिसलने से और एक की बिजली गिरने से हुई है। पिछले दो माह में बादल फटने, बाढ़ और भूस्खलन की 90 घटनाएं सामने आई हैं। इनमें 36 लोगों की मौत हो गई और 33 लापता हैं। इन घटनाओं में 122 मकान और 17 दुकानें क्षतिग्रस्त हुई हैं।
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