Weather update : अगले सात दिनों तक यूपी समेत इन राज्यों में गर्मी से राहत की उम्मीद नहीं

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कानपुरः उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में अगले सात दिनों में भीषण गर्मी से राहत मिलने की कोई उम्मीद नहीं है। मौसम विभाग ने अनुमान जताया है कि इस सप्ताह के अंत तक भीषण गर्मी का दौर जारी रह सकता है। यह जानकारी गुरुवार को चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम विज्ञानी डॉ. एसएन सुनील पांडेय ने दी। उन्होंने बताया कि कानपुर मंडल समेत पूरे उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और उत्तरी राजस्थान, दिल्ली में गर्मी का सितम लगातार जारी रहेगा। वहीं, कुछ स्थानों पर पारा 45 डिग्री सेल्सियस को भी पार कर सकता है। बता दें कि पूर्वी राज्य बिहार और झारखंड भी भीषण गर्मी की चपेट में हैं और पारा 40 को पार कर रहा है।

पहाड़ी इलाकों में लू का असर

मौसम विज्ञानी ने बताया कि कमजोर पश्चिमी विक्षोभ पहाड़ी राज्यों में ऊपरी हवा के सिस्टम के रूप में बिना कोई खास असर डाले आगे बढ़ रहा है। उत्तरी पहाड़ों के कुछ हिस्सों में लू पहुंच गई है। बनिहाल, भद्रवाह, चंबा, धर्मशाला, कुल्लू, मंडी, नैनीताल, टिहरी इन इलाकों में तापमान 30 डिग्री सेल्सियस से अधिक है, जो पहाड़ों में लू का मानक है। उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में शुष्क और गर्म उत्तर-पश्चिमी हवाएं चलती हैं, जो सीमा पार से गर्मी लाती हैं।

जानिए देश के किन इलाकों में अधिक तापमान

डॉ. पांडे ने बताया कि सीमा रेखा से सटे पंजाब के कुछ हिस्से और राजस्थान से सटे हरियाणा के इलाके देश के बाकी हिस्सों से अधिक गर्म हैं। पठानकोट, गुरदासपुर, अमृतसर, बठिंडा, फिरोजपुर, फाजिल्का, हिसार, नारनौल, रोहतक, सिरसा, कुरुक्षेत्र, गंगानगर, सूरतगढ़, अनूपगढ़, बुलंदशहर, अलीगढ़, हमीरपुर, प्रयागराज, फुरसतगंज और वाराणसी में पारा 43 डिग्री सेल्सियस से अधिक है। इनमें से कानपुर में बुधवार को 44.8 डिग्री और कुछ जगहों पर पारा 44 से 45 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

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आंधी और तूफ़ान की भी संभावना ज़्यादा

आने वाले सात दिनों में पूरे उत्तर भारत में भीषण गर्मी का प्रकोप जारी रहेगा। वहीं, कुछ इलाकों में गर्मी का असर भी ज़्यादा हो सकता है। 14 और 15 जून को पंजाब के तराई वाले इलाकों और उत्तरी राजस्थान के कुछ हिस्सों में धूल भरी आंधी और गरज के साथ छींटे पड़ने की संभावना है। हालांकि, यह मौसमी गतिविधि इस क्षेत्र में भीषण गर्मी से राहत दिलाने के लिए पर्याप्त नहीं होगी।

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