नई दिल्लीः मुख्तार अंसारी को उत्तर प्रदेश वापस भेजने की राज्य सरकार की मांग पर सुनवाई टल गई है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मंगलवार को सुनवाई टालने की मांग की, जिसके बाद कोर्ट ने सुनवाई बुधवार तक के लिए टाल दी है। इस मामले में यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है। यूपी सरकार ने कहा कि प्रयागराज के एमपी-एमएलए कोर्ट में मुख्तार अंसारी के खिलाफ जघन्य अपराध के दस केस दर्ज हैं।
यूपी सरकार ने कहा कि बांदा जेल सुपरिटेंडेंट ने बिना एमपी-एमएलए कोर्ट की अनुमति के पंजाब पुलिस को सौंपा है। यूपी सरकार ने कहा कि मुख्तार अंसारी के खिलाफ कई बार पेशी वारंट जारी किए जा चुके हैं। रोपड़ जेल अधिकारी उसे बीमार बताते रहे। यूपी सरकार ने कहा कि मोहाली मामले में दो साल से चार्जशीट जमा नहीं हुई है, फिर भी मुख्तार अंसारी वहां जमानत नहीं मांग रहे हैं। सरकार की तरफ से कहा गया है सुप्रीम कोर्ट न्याय के हित में अपनी विशेष शक्ति का इस्तेमाल करे।
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यूपी सरकार ने मुख्तार को वापस यूपी भेजने की मांग करते हुए मोहाली में दर्ज केस को भी प्रयागराज ट्रांसफर करने की मांग की है। मुख्तार अंसारी पिछले 2 साल से पंजाब की रोपड़ जेल में बंद है। पंजाब सरकार मुख्तार को यूपी भेजने का विरोध कर रही है। पिछले 8 फरवरी को सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि पंजाब सरकार का कहना है कि मुख्तार अंसारी डिप्रेशन में है और उसने पंजाब में जमानत याचिका इसलिए नहीं लगाई है क्योंकि वह वहां की जेल में खुश है।