नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये की पशु तस्करी से संबंधित ईडी द्वारा दर्ज एक मामले में टीएमसी नेता अनुब्रत मंडल को डिफ़ॉल्ट जमानत देने से इनकार करने के निचली अदालत के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका को शुक्रवार को 4 जुलाई के लिए सूचीबद्ध किया। है।
बता दें कि 24 जनवरी को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने मंडल को जमानत देने से इनकार कर दिया था। इसके बाद मंडल ने 31 जनवरी को राउज एवेन्यू कोर्ट के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। ईडी के विशेष लोक अभियोजक नीतेश राणा ने कहा था कि मंडल की जमानत अर्जी निराधार है। शुक्रवार को सुनवाई के दौरान, न्यायमूर्ति चंद्र धारी सिंह की पीठ ने मामले को 4 जुलाई को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया। मंडल की ओर से पेश अधिवक्ता मुदित जैन ने तर्क दिया कि 30 जनवरी को एक डिफ़ॉल्ट जमानत याचिका दायर की गई थी और 24 अप्रैल को प्रारंभिक सुनवाई की अर्जी दायर की गई थी।
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जिसे एक जून और उसके बाद नौ जून को सूचीबद्ध किया गया। तारीख दी गई। उन्होंने कहा कि एएसजी राजू ने शुरुआती आवेदन में अदालत की सुविधा के अनुसार याचिका को सूचीबद्ध करने पर सहमति जताई थी। मामले की सुनवाई 27 जुलाई को सूचीबद्ध होने की वजह से जल्द सुनवाई की याचिका दायर की गई थी। यह डिफॉल्ट जमानत याचिका है जो 30 जनवरी से लंबित है।
मंडल को ईडी ने कोलकाता में सीमा सुरक्षा बल के तत्कालीन कमांडेंट सतीश कुमार के खिलाफ सीबीआई द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर गिरफ्तार किया था। सीबीआई ने पिछले साल 11 अगस्त को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबी सहयोगी और तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेता अनुब्रत मंडल को पशु तस्करी मामले में गिरफ्तार किया था।
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