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ऐतिहासिक धरोहरों का खजाना है कर्नाटक का हम्पी शहर

Hampi कर्नाटक का हम्पी शहर ऐतिहासिक धरोहरों का खजाना है। यही नहीं यह जगह भारत की मशहूर विश्व विरासतों में एक है, लेकिन इसके आस-पास ऐसी कई तमाम जगहें हैं, जो हर किसी का मन मोह लेती हैं। यहां स्मारक और कई ऐसी ऐतिहासिक चीजें हैं, जो आपका ध्यान आकर्षित कर सकती हैं। यही नहीं भारत के कर्नाटक राज्य में स्थित यह शहर यूनेस्को के विश्व विरासत स्थलों में शामिल किया गया है। इसके अलावा यहां के शानदार महल, स्मारक, पहाड़, मंदिर आपका मन मोह लेंगे। दरअसल, हम्पी आपको उस समृद्धतम काल में ले जाता है, जो इतिहास की पुस्तकों में स्वर्णाक्षरों में दर्ज हो चुका है। यह वही शहर है, जहां कभी राजा कृष्णदेव राय और उनके अति-बुद्धिमान सलाहकार तेनालीराम रहते थे। हम्पी का इतिहास सम्राट अशोक के समय से मिलता है। मध्यकाल तक यह कई राजवंशों की राजधानी रही, लेकिन हम्पी की वास्तविक प्रसिद्धि और समृद्धि विजयनगर साम्राज्य से जुड़ी है, जिसने तुलुववंशीय राजा कृष्णदेव राय के काल में अतुलनीय ऊंचाई हासिल की। इतिहास में विजयनगर साम्राज्य अपने व्यापार और उच्चस्तरीय प्रशासन के लिए जाना जाता है, जब भवन निर्माण, मूर्तिकला और संगीत के क्षेत्र में काफी तरक्की हुई थी। इसकी बानगी आप यहां पसरी तरह-तरह की संरचनाओं में देख सकते हैं। स्तंभों पर बने ऊंचे-ऊंचे घोड़े इस बात के प्रमाण हैं। हालांकि, तब की कुछ संरचनाएं अब खंडहर में तब्दील हो गई हैं लेकिन साबुत बचे हुए भवनों, मंदिरों, सरायों और बाजारों से इस साम्राज्य की भव्यता और उनके कारीगरों के कौशल का पता चलता है। यहां पत्थर पर उकेरी गई महीन कलाकृतियों से सुसज्जित सैकड़ों भवन हैं। इनमें मंदिर, लंबे-लंबे गलियारे, मूर्तियां, बाजार आदि सब इतने आकर्षक हैं कि उन्हें घंटों निहारा जा सकता है। हम्पी एक छोटा, लेकिन बहुत ही आकर्षक स्थान हैं और यहां देश-विदेश से पर्यटकों का आना-जाना लगा रहता है।

भगवान शिव का रूप है विरुपाक्ष मंदिर

हम्पी का यह मंदिर भगवान विरुपाक्ष को समर्पित हैं, जो भगवान शिव का ही एक अन्य रूप है। विरुपाक्ष मंदिर कर्नाटक राज्य में हम्पी में तुंगभद्रा नदी के किनारे पर स्थित है, जो कि एक पवित्र स्थान हैं। सातवीं शताब्दी के दौरान निर्मित किए गए इस मंदिर का इतिहास और सुंदर वास्तुकला की वजह से इसे यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल में शामिल किया गया। वर्तमान में यह मंदिर हम्पी में स्थित है और यह प्राचीन व राजसी विजयनगर साम्राज्य के बीच में एक छोटा सा मंदिर था। यदि आप इसकी वास्तुकला और इतिहास के बारे में जानना चाहते हैं, तो एक बार कर्नाटक के हम्पी मंदिर जरूर जाए। मंदिर में कई देवी-देवताओं की खूबसूरत मूर्तियां हैं और यहां की कलाकृतियों के माध्यम से कई देवी-देवताओं की पौराणिक कहानियों को दर्शाती हैं। भगवान शिव का यह मंदिर पर्यटकों को अधिक से अधिक आकर्षित करता हैं। विट्ठल मंदिर हम्पी के सबसे प्रभावशाली मंदिरों में से एक हैं। विट्ठल मंदिर 16वीं शताब्दी के दौरान निर्मित किया गया था। वास्तव में यह मंदिर अपनी समृद्ध वास्तुकला को खूबसूरती प्रस्तुत करता है। हम्पी में एक प्रसिद्ध पत्थर का रथ हैं, जो हम्पी की वास्तुकला का एक प्रतिष्ठित प्रतीक माना गया है। इस मंदिर में एक बड़ा प्रांगण हैं, जो केंद्र में स्थित हैं। Hampi वर्तमान में हम्पी का हाथी अस्तबल विजयनगर साम्राज्य के दौरान शाही हाथियों के लिए एक बाड़े के रूप में बनाया गया था और यह हाथियों के लिए संरक्षित किया गया था। यहां के ग्यारह गुंबददार कक्ष को बहुत ही खूबसूरती के साथ सजाया गया हैं, जो कि किसी आयोजन के दौरान संगीतकारों के लिए एक बाड़े के रूप में प्रयोग किया जाता हैं। रानी का स्नानागार विजयनगर साम्राज्य के दौरान एक शाही स्नान का स्थान था, जहां किसी बाहरी व्यक्ति का आना पूर्णरूप से मना था। इसकी संरचना भी इस तरह से तैयार की गई थी कि कोई बाहरी व्यक्ति जाने-अनजाने में भी इसमें प्रवेश न कर सके लेकिन अब यह खंडहर के रूप में तब्दील होता जा रहा हैं और आज की तरीख में इसने अपना बहुत कुछ खो दिया हैं। इसके अलावा बंदर मंदिर अंजनेया पहाड़ी के ऊपर भगवान भोलेनाथ के विरुपाक्ष मंदिर से 02 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। 500 साल पुराना यह मंदिर बजरंगबली को समर्पित हैं। सुंदर यंत्रधारा हनुमान जी महाराज का मंदिर, जिसे बंदर मंदिर के नाम से भी जाना जाता हैं, एक गुफा के अंदर स्थित है। बंदर मंदिर तक पहुंचने के लिए आपको 570 सीढ़िया चढ़नी पड़ेंगी, क्योंकि यह मंदिर एक पहाड़ी के ऊपर स्थित है। पहाड़ी पर सीढ़ियों से जाते समय आपको बहुत सारे बंदर देखने को मिलेंगे और मनोहर दृश्य के साथ-साथ मंद-मंद चलती हुईं पवन आपकी अंतरात्मा को तृप्त कर देगी। हनुमान जी महाराज के यंत्रोधरा मंदिर से केवल 05 मिनट की दूरी पर भगवान विष्णु का एक छोटा सा मंदिर है, जो विष्णु भगवान के एक अवतार भगवान श्रीनिवास को समर्पित है। हम्पी के लक्ष्मी नरसिम्हा मंदिर में शेषनाग पर बैठे नरसिंह भगवान की विशाल मूर्ति हैं। सात प्रमुख सर्प भगवान नरसिंह के लिए आश्रय का कार्य करते हैं। धन की देवी माता लक्ष्मी की एक मूर्ति भगवान नरसिंह के साथ सुशोभित है। यदि आपको कभी यहा जाने का मौका मिले, तो भगवान नरसिंह और देवी लक्ष्मी के दर्शन जरूर करें। 1994 में स्थापित दारोजी भालू अभ्यारण्य को अब कांटेदार जंगल से परिवर्तित करके एक हरे-भरे क्षेत्र के रूप में बदल दिया गया हैं, जो अब स्लॉथ भालू के निवास स्थान के रूप में जाना जाता है। दारोजी भालू अभ्यारण्य में भालू देखने को मिल जाएंगे और विभिन्न प्रकार की वन्यजीव प्रजाति जैसे कि तेंदुए, जंगली सूअर और सियार यहां पाए जाते हैं। मतंग हिल पहाड़ी को रामायण काल के दौरान संत मतंगमुनि के उपदेश स्थल के रूप में वर्णित किया गया था और इसलिए इस स्थान को उन्ही के नाम पर मतंग हिल से जाना जाता हैं। ट्रेकिंग का उत्साह रखने वालो के लिए यह एक शानदार स्थान हैं, क्योंकि यह हम्पी की सबसे ऊंची चोटी हैं। लोटस महल जेना एनक्लोजर के करीब एक खूबसूरत स्मारक है और हम्पी के अधिकांश संरचना इसकी शैली से मेल खाती हैं। यदि आप हम्पी की यात्रा करते हैं और कमल महल नही जाते हैं, तो आपकी यात्रा अधूरी हैं। लोटस महल वास्तुशिल्प डिजाइन वाले महलों में से एक है, जो विशेष रूप से इसके कमल की संरचना के लिए दुनिया भर में जाना जाता हैं। इस महल को कमल महल या चित्रगणी महल के नाम से भी जाना जाता है। भगवान भोले नाथ के परम भक्त और उनकी सवारी नंदी महाराज (नंदी बैल) की एक विशाल मूर्ति है, जो अपने विशाल आकार के कारण पर्यटकों के बीच आकर्षण का केंद्र बनी रहती है। हालांकि, यह मूर्ति आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गई हैं। बड़ा शिवलिंग कर्नाटक राज्य के हम्पी में स्थित हैं, जो कि एक ही शिलाखंड से निर्मित हुआ हैं। इस शिवलिंग की सबसे खास बात यह हैं कि यह पानी के बीचों-बीच 03 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। बड़ा शिवलिंग हम्पी की सौंदर्यता को ओर अधिक बढ़ा देता हैं, जिससे पर्यटक इस स्थान की तरफ आकर्षित होते हैं। Hampi

विश्व विरासत स्थल के रूप में प्रसिद्ध है यानागुंडी गांव

हम्पी में जेनाना एनक्लोजर मुख्य रूप से महिलाओं का क्वॉर्टर था, जो कि रॉयल एनक्लोजर का एक हिस्सा था। जेना एनक्लोजर विशेष रूप से शाही महिलाओं के लिए एक जगह थी, जो कि रानी और उनकी महिला साथियों के लिए थी। इस महल को हम्पी में किया गया अब तक का सबसे बड़ा उत्खनन माना जाता है। यह कमल महल के दक्षिण-पूर्व कोने पर हैं। हेमकुंता पहाड़ी में एक मंदिर है, जो कि नंदीश्वर भगवान शिव को समर्पित हैं। यहां भगवान शिव के अलावा अन्य भगवान की पूजा अर्चना भी की जाती हैं और ये सभी एक किले के द्वारा सुरक्षित हैं। हेमकुता पहाड़ी मंदिर परिसर पर्यटकों को आकर्षित करता हैं। भारत के कर्नाटक राज्य के हम्पी शहर का पुरातत्व संग्रहालय एक सरकारी संग्रहालय हैं। जिसमें खुदाई के समय कई अवशेष, कलाकृतियां और अन्य प्रदर्शनी प्राप्त हुई थी। यह संग्रहालय यहां आने वाले पर्यटकों को आकर्षित करता हैं। हम्पी का विरापापुर गद्दे या हिप्पी द्वीप तुंगभद्रा नदी के पास स्थित एक छोटा सा द्वीप है। पर्यटकों के इस स्थान पर जाने के लिए मात्र 05 मिनट का समय लगता हैं। इसके आस-पास अधिकांश इलाके में खंडहर के रूप में फैले हुए हैं। द्वीप के लिए आखिरी नाव करीब 5.30 बजे निकलती हैं। इस स्थान पर प्राकृतिक सौंदर्यता का नजारा बहुत ही मनमोहक होता है। सीबैक परिवेश और लॉज के लिए यह स्थान जाना जाता है। तुंगभद्रा नदी के किनारे पर स्थित यानागुंडी गांव को कमल महल, अरमान महल खंडहर, रंगनाथ मंदिर, हचप्पयाना मठ मंदिर और नव ब्रजवन के लिए दुनिया भर प्रसिद्धी मिली है। यह गांव बहुत पुराना हैं और इसे विश्व विरासत स्थल माना जाता है। इस स्थान की समृद्ध संस्कृति और विश्वविख्यात स्मारकों की सुंदर वास्तुकला पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई है और यहां दुनिया भर के पर्यटकों का तांता लगा रहता हैं। ओल्ड पैलेस एनगोंडी में स्थित एक महल हैं, जो चारों तरफ से एक किले से घिरा हुआ हैं। वर्तमान समय में यह खंडहर के रूप में तब्दील हो गया हैं। इस महल को केंद्र में स्थापित किया गया था। अधिक पुराना होने की वजह से यह पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। महानवमी डिब्बा की संरचना विजयनगर साम्राज्य के राजाओं के शासन काल के समय में एक केंद्र बिंदु की भाती कार्य करती थी। हम्पी की इस खूबसूरत विशाल संरचना पर दरबारी जीवन के प्रमुख पहलुओं को दर्शाया गया है। इसमें एक रत्न जड़ित सिंहासन भी शामिल हैं। हम्पी का अच्युतराय मंदिर भगवान शिव को समर्पित हैं। इस मंदिर को मुख्य देवता के बाद तिरुवेंगलनाथ मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। हम्पी के इस मंदिर में आधुनिक वास्तुकला का प्रयोग अत्यधिक हैं। मंदिर में नक्काशियों के माध्यम से कई पौराणिक कथाओं, दीवारों, स्तंभों और अखंड ब्लॉक को दिखाया गया है। हम्पी हजारा राम मंदिर भगवान राम को समर्पित एक बहुत ही खूबसूरत और अद्भुत मंदिर है। यह मंदिर भारत के कर्नाटक राज्य के दक्षिण पश्चिमी में एक छोटे से गांव हम्पी में स्थित है। हम्पी के इस मंदिर का मनमोहक दृश्य और इसकी खूबसूरत नक्काशी देश-विदेश के पर्यटकों को बहुत अधिक आकर्षित करती है। हजारा राम मंदिर कई शिलालेखों में खोदे गए हैं, जिनमें भगवान के विभिन्न अवतारों को देखा जा सकता हैं। मंदिर की खूबसूरत संरचना भारत में देवी-देवताओं, धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व का प्रमाण है। हम्पी का हजारा राम मंदिर एक विश्व धरोहर स्मारक है, इस मंदिर का निर्माण 15वीं शताब्दी के दौरान का माना जाता हैं। यह स्थान कर्नाटक में फोटोग्राफी करने वालों के लिए सबसे लोकप्रिय स्थानों में से एक है। हम्पी का कदेलकुलु गणेश मंदिर हेमकुटा पहाड़ी पर स्थित है। यह एक धार्मिक और प्रसिद्ध मंदिर है, जो रिद्धि-सिद्धि के दाता भगवान गणेश को समर्पित हैं। कदेलकुलु गणेश मंदिर में पारंपरिक पत्थर की वास्तुकला है मंदिर में भगवान गणेश की 15 फीट की एक विशाल मूर्ति स्थापित है, जो कि भगवान गणेश की दुनिया भर में सबसे बड़ी मूर्तियों में से एक मानी जाती हैं। रिवरसाइड रुइन्स में वेकुंढ़ धाम के अधिपति भगवान विष्णु और अन्य हिंदू धर्म के देवताओं को समर्पित यह एक पावन मंदिर हैं। इस मंदिर के अलावा सपाट चट्टानी सतह पर स्थित नक्काशीदार शिवलिंग हैं और इन शिवलिंगों में से कुछ तो आंशिक रूप से जलमग्न हैं। यह स्थान 108 शिवलिंगों और वर्गाकार में 1008 लिंगों की एक पंक्ति में स्थापित हैं। यहां आने वाले पर्यटकों के दिलो दिमाग में यहां की छवि जीवन भर के लिए बन जाती हैं। हम्पी का किंग्स बैलेंस जो कि 15वीं शताब्दी के दौरान का हैं और यहां के आकर्षण का केद्र बना हुआ है। इसका उपयोग हर साल विशेष अवसरों पर शाही गहनों से राजा को तौलने के लिए किया जाता था और गिरने वाले गहनों को मदिर के पुजारियों को दे दिया जाता था। इसकी संरचना में खूबसूरत नक्काशीदार खंभे बने हुए हैं। यह ग्रेनाइट से बना बना है। Hampi ससिव कलु गणेश में भगवान गणेश जी की एक की विशालकाय प्रतिमा स्थापित है। गणेश जी की यह प्रतिमा 08 फीट ऊंची है। इस प्रतिमा को विजयनगर के राजा जिनका नाम राजा नरसिम्हा द्वितीय था कि याद में बनवाया गया था। यह स्थान भगवान गणेश जी की एक प्राचीन कथा से जुड़ा हुआ हैं। कहते हैं कि एक बार भगवान श्री गणेश ने बहुत अधिक भोजन कर लिया था, जिसके चलते उनका पेट फटने वाला था तो एक सर्प को उनके पेट से बांधा गया था। उनके पेट पर सर्प को आज भी देखा जा सकता। कोरल राइड हम्पी में आपको पूरी तरह से रोमांचित कर देने वाला स्थान है, जहां आप एक कोरल को पकड़ कर सवारी करने का अनुभव ले सकते हैं और यह आपके लिए बहुत मजेदार साबित हो सकता हैं। हम्पी में मौजूद खंडहरों में घूमने के बाद यदि क्लिफ डाइविंग करना चाहते हैं, तो यह भी एक अलग ही अनुभव होगा और क्लिफ डाइविंग हम्पी की प्रमुख गतिविधियों में से एक है। खास तौर पर साहसिक बफ्स के बीच लोकप्रिय है। हालांकि, यहां पाए जाने वाले मगरमच्छों और अन्य हानि पहुंचने वाली चीजों से आपको सावधान रहने की सलाह दी जाती हैं। कर्नाटक का हम्पी शहर हमेशा से रॉक क्लाइंबिंग लिए फेमस रहा है और रॉक क्लाइम्बर्स से बड़ी तादाद में भरा हुआ रहता है। यहां चारों से अपने क्रैश पैड के साथ बोल्डर पर चढ़ते हुए नजर आते हैं। यहां का परिदृश्य बोल्डरिंग और रॉक क्लाइम्बिंग के लिए आदर्श माना जाता है क्योंकि इस स्थान पर चारों ओर बोल्डर और ग्रेनाइट क्रेग हैं। हम्पी आकर आप यहां आना बिल्कुल मत भूलिएगा। यह यहां का सबसे चर्चित बाजार है, जहां से आप ढ़ेर सारी वस्तुओं को संजो के स्मृति के तौर पर अपने साथ ले जा सकते हैं। बाजार के पूर्वी हिस्से में आपको स्थानीय ग्रामीणवासी दिखेंगे, जो कुछ पारंपरिक वस्तुओं को बेचते हैं। हम्पी बाजार के सड़क के पूर्वी अंत पर नंदी की विशाल प्रतिमा है। गहने, कपड़े व कुछ अनोखी वस्तुओं से ये बाजार भरा रहता है। सुबह 06 बजे से रात 11 बजे तक आप कभी भी यहां आ सकते हैं। हम्पी का शॉपिंग मार्केट बहुत ही आकर्षित हैं, यहां आपको पत्थरों की छोटी और बड़ी मूर्तियां खरीदने को मिल जाएंगी। ज्वैलरी, बैग, बेल्ट ट्रिंकेट, पेटिंग्स, संगीत वाद्ययंत्र और केले फाइबर शिल्प के अलावा भी अन्य चीजें बाजार में उपलब्ध हैं। हम्पी में मनाए जाने वाला एक भव्य उत्सव हैं, जो कि विजय उत्सव के नाम से भी लोगों में प्रचलित है। विजयनगर साम्राज्य के दौरान का यह सबसे बड़ा उत्सव है। हम्पी उत्सव हर साल विरुपाक्ष मंदिर में मनाया जाता है, जो कि बीते युग की परंपराओं व संस्कृति का स्मरण कराता है। यहां की खूबसूरत नक्काशीदार खंडहरों के साथ-साथ, नृत्य प्रस्तुतियों, लोक गीत और पृष्ठभूमि के रूप में इस क्षेत्र की समृद्ध संस्कृति और कलाकृतियों के साथ भव्यता को दिखाया गया हैं। हम्पी शहर दक्षिण भारतीय व्यंजनों के लिए प्रसिद्ध है और विभिन्न प्रकार की दक्षिण भारतीय भोज्य सामग्री आपको चखने के लिए मिल जाएगी। पिटा ब्रेड, रेस्तरां केक, हम्मस, पास्ता के अलावा भी अन्य कई भोजन सामग्री आपके मुह का टेस्ट बनाने के लिए उपलब्ध हैं।

हम्पी जाने के लिए सबसे अच्छा समय

हम्पी जाने के लिए सर्दियों का मौसम (अक्टूबर से फरवरी) सबसे अच्छा समय है। हालांकि, हम्पी में पूरे साल मध्यम और शुष्क मौसम रहता है। दोपहर को छोड़कर मौसम मध्यम रूप से ठंडा रहता है, जो विश्व धरोहर स्थल की हम्पी जाने के लिए एकदम सही है। हम्पी में कुछ सबसे महत्वपूर्ण त्यौहार सर्दियों के मौसम में भी मनाए जाते हैं। ग्रीष्मकाल में उच्च तापमान होता है और इसलिए मार्च से जून के बीच हम्पी की यात्रा नहीं करनी चाहिए। मॉनसून में औसत लेकिन असंगत वर्षा होती है, जिससे तापमान थोड़ा कम लेकिन आर्द्र रहता है। जुलाई में शुरू होने वाले मानसून के दौरान और सितंबर तक हम्पी जाने का चयन कर सकते हैं। इस क्षेत्र में शायद ही कभी-भारी बारिश होती है, लेकिन हम्पी की यात्रा के दौरान दुर्घटनाओं से बचने के लिए फिसलन वाले इलाकों से दूर रहने की सलाह दी जाती है। चूंकि हम्पी में सर्दियों में घूमना सबसे अच्छा माना जाता है, ऐसे में आप नवंबर के महीने में होने वाले विजया उत्सव (हम्पी का त्यौहार) का आनंद ले सकते हैं।

हम्पी कैसे पहुंचे

कर्नाटक राज्य के प्रमुख पर्यटक स्थल हम्पी पहुंचने के लिए आप फ्लाइट, ट्रेन, बस और अपने व्यक्तिगत साधन में से किसी का भी चुनाव अपनी सुविधानुसार कर सकते हैं। हवाई जहाज: यदि आप हम्पी जाने के लिए हवाई मार्ग का चुनाव करते हैं, तो हम आपको बता दें कि कर्नाटक के हम्पी से सबसे नजदीकी हवाई अड्डा जिंदाल विजयनगर एयरपोर्ट बेल्लारी हवाई अड्डा है, जो यहां से 35 किमी की दूरी पर हैं। आप एयरपोर्ट से बाहर आकर यहां चलने वाले स्थानीय साधनों के माध्यम से हम्पी पहुंच जाएंगे। ट्रेनः हम्पी का अपना कोई रेल्वे स्टेशन नहीं हैं लेकिन सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन होसपेट जंक्शन है, जहां से हम्पी महज 13 किमी की दूरी पर हैं। आप यहां चलने वाले साधनों से सुविधापूर्वक हम्पी पहुंच जाएंगे। सड़क मार्गः यदि आप हम्पी जाने के लिए सड़क मार्ग का चुनाव करते हैं तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बेंगलुरू, पुणे, मुंबई और बेल्लारी जैसे प्रमुख शहरो से हम्पी सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ हैं। एनएच-4 बेंगलुरू को हम्पी से जोड़ता हैं और यहां तक पहुंचने में लगभग 07 घंटे लगते हैं। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)