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हमीरपुर: कोरोना काल में देवी मंदिरों में मां कुष्माण्डा की इस तरह की जा रही पूजा

 

हमीरपुर: यूपी के हमीरपुर जिले में मंगलवार को देवी मंदिरों में महिलाओं ने सामाजिक दूरी के बीच मां कुष्माण्डा की पूजा-अर्चना की। शहर से लेकर कस्बे और ग्रामीण इलाकों में भी मां कुष्माण्डा की पूजा के लिये धूम मची हुयी है, लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण देवी पंडाल सन्नाटे में है।

शारदीय नवरात्रि पर्व में बड़ी देवी, चंडिका देवी, मां संतोषी व शीतला माता सहित कई मंदिरों में पूजा-अर्चना के लिये श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। वहीं गांव और कस्बों में मां के जयकारा से मंदिर गूंज रहे हैं। दुर्गा पंडालों में सामाजिक दूरी के बीच सांस्कृतिक कार्यक्रमों का सिलसिला भी शुरू हो गया है मगर श्रद्धालुओं की संख्या पिछले मर्तबा की अपेक्षा कम देखी जा रही है। यहां महिलायें मां के विभिन्न स्वरूपों का दर्शन कराने के साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रमों का लाभ भी उठा रहे हैं।

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नगर के आदर्श नगर, रमेड़ी, देवादास मंदिर सहित 13 स्थानों पर सजे देवी पंडालों में महिलाओं ने पूजा-अर्चना कर मां कुष्माण्डा के लिये अचरी गायी। जिले के सुमेरपुर में रामलीला मैदान में सर्वाधिक आकर्षक भव्य झांकी सजायी गयी है। यहां मां दुर्गा की झांकी देखने और पूजा अर्चना के लिये लोग खिंचे चले आते हैं। ऐतिहासिक देवी मंदिरों के साथ ही देवी पंडालों में भी मां की झांकियां देखने और उनकी आरती में लोग में भाग ले रहे हैं। क्षेत्र के इंगोहटा, पंधरी, टेढ़ा, देवगांव व कुंडौरा सहित सैकड़ों गांवों में नवरात्रि के चौथे दिन देवी स्थल मां के जयकारा से गूंज रहे हैं। काली माता, पाथा माई, पंचगढ़ी, गायत्री मंदिर सहित अन्य मंदिरों में भी कुष्माण्डा देवी मां के लिये लोगों ने पाठ और हवन किया। अभी भी इन मंदिरों में धार्मिक अनुष्ठान जारी है।

घाटमपुर निवासी पंडित दिनेश दुबे ने बताया कि नवरात्रि पर्व पर मां कुष्माण्डा की पूजा अर्चना से घर में सुख और समृद्धि आती है। उन्होंने बताया कि अनुष्ठान करना मानो प्रत्यक्ष मां दुर्गा के आंचल में बैठकर उच्चस्तर का ब्रह्मतेज सिद्ध व प्राण की अगाध मात्रा प्राप्त के समान होती है। धार्मिक अनुष्ठान मानक की भौतिक व आध्यात्मिक यात्रा के लिये पूंजी का काम करती हैं। बताया कि नवरात्रि पर धार्मिक अनुष्ठान से मनोभूमि में भौतिक परिवर्तन होते हैं। सामूहिक उपासना व अनुष्ठान का पर्व नवरात्रि है जिसमें विधि-विधान से मानव को सतकर्म करना चाहिये।

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पंडित सुरेश मिश्रा ने बताया कि नवरात्रि पर्व पर मां कुष्माण्डा की सामूहिक रूप से पूजा और उपासना करने से आपस में प्रेम और एकता का भाव पैदा होता हैं और सामाजिक पक्ष भी मजबूत होता है। उपासना और साधना से आध्यात्मिक लाभ भी मानव को हासिल होता है। बताया कि पूजा और साधना तो किसी भी दिन भी की जा सकती हैं, लेकिन नवरात्रि पर्व में ये धार्मिक अनुष्ठान और अर्चना करने का बड़ा ही महत्व होता है।

कुष्माण्डा मंदिर में भी श्रद्धालुओं ने लगाई हाजिरी

हमीरपुर शहर से यमुना पुल पार करीब 25 किमी दूर घाटमपुर में मां कुष्माण्डा देवी के मंदिर में पूजा के लिये लोगों की भारी भीड़ उमड़ी है। यहां कोरोना महामारी पर आस्था भारी पड़ी। तमाम महिलायें भी पूजा-अर्चना के लिये कुष्माण्डा माता के दरबार पहुंचकर हाजिरी लगायी है। श्रद्धालुओं ने बताया कि मां के दरबार में कोरोना संक्रमण के बावजूद लोगों में दर्शन करने को लेकर खासा उत्साह है। महिलाओं ने पान बतासा और आटे की पूड़ी चढ़ाकर विधि-विधान से पूजा की हैं।