मंडी में जमकर उड़ा गुलाल, माधोराय की पालकी पर युवाओं ने खूब बरसाया रंग

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मंडी: रंगों का त्योहार होली मंडी में हर्षाेल्लास के साथ मनाया गया। सोमवार को मंडी की गलियों में अबीर गुलाल जमकर उड़ाया गया। होली के मतवाले सुबह से ही सड़कों पर आकर एक दूसरे पर रंग डालकर होली की बधाई दे रहे थे। ऐतिहासिक सेरी चानणी में हजारों लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा, जहां डीजे की धुन पर नाचते हुए युवाओं ने खूब धमाल मचाया।

सेरी में नाचे हजारों युवा –

मंडी शहर की होली में युवाओं का पंजाबी, मुंबईया गानों और पहाड़ी नाटियों पर झूमने का मजा ही कुछ और है। राजदेवता माधोराय की शिवरात्रि में निकलने वाली जलेब के बाद होली के मौके पर जनसैलाब सेरी पैवेलियन में उमड़ पड़ता है। मंच पर लगे डीजे पर गाने बजने लगते हैं और उसके सामने हजारों युवा एक साथ नाचने लगते हैं। कुछ युवा तो सलमान स्टाइल में अपने कपड़े तक फाड़ डालते हैं। यह क्रम तीन से चार घंटे तक चलता है। पूरा शहर सेरी मंच पर उमड़ पड़ता है। सोमवार को भी होली के मतवालों ने सेरी पैवेलियन में जमकर धमाल किया। एक दूसरे पर अबीर गुलाल भी छिड़का और डीजे की धुन पर जमकर नाचे। महिलाओं की टोलियां भी बाजार में अपनी जान पहचान वालों पर रंग लगाती हुई देखी गई।

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युवाओं ने माधोराय के संग खेली होली –

मंडी की होली में राजदेवता माधोराय की भागीदारी तो रियासतकाल से ही रही है। राजा अपने दरबारियों के साथ यहां होली खेलता था। यही नहीं राजा घोड़े पर सवार होकर प्रजा के बीच भी होली खेलने जाता था। उस समय स्थानीय स्तर पर प्राकृतिक रंगों की महक से होली की रंगत सराबोर होती थी। होली की यह मस्ती मंडी में माधोराय की जलेब निकलने के पश्चात समाप्त हो जाती है। सोमवार को भी माधोराय के मंदिर से माधोराय की मूर्ति को पालकी पर बिठाया गया और होली के मतवाले पालकी के साथ नाचते गाते शहर की सडक़ों पर निकल पड़े। राजदेवता माधोराय (भगवान श्रीकृष्ण का प्रतिरूप) की पालकी पर खूब रंग बरसाया गया। शहर की परिक्रमा करने के बाद माधाराय की प्रतिमा को मंदिर में पहुंचाया गया। इसी के साथ ही मंडी में होली का उल्लास संपन्न हो गया।

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