विशेष Featured

राम भरोसे चल रहा गुडम्बा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, 4 डॉक्टरों के सहारे हो रहा इलाज

image-24

लखनऊः राजधानी लखनऊ के टेढ़ी पुलिया से पांच किमी कुर्सी रोड पर स्थित गुडम्बा सामुदायिक केंद्र में डॉक्टरों की भारी कमी है। पूरा अस्पताल महज चार डॉक्टरों के कंधों पर चल रहा है। अगर किसी दिन कोई डॉक्टर छुट्टी या मीटिंग में चला गया, तो यहां प्रतिदिन आने वाले 100 से 150 मरीजों की जिम्मेदारी एक या दो डॉक्टरों के कंधों पर आ जाती है।

30 बेड वाले और प्रतिदिन करीब 100 से 150 ओपीडी वाले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गुडम्बा में भी इन दिनों कोरोना वैक्सीन लगाई जा रही है। डॉक्टरों की ड्यूटी कोरोना में लगी होने के कारण रोजाना आने वाले अन्य मरीजों के इलाज के लिए डॉक्टर नहीं मिल रहे हैं। कोविड ड्यूटी की वजह से रोज की ओपीडी सही ढंग से नहीं हो पा रही है। अस्पताल पहंुचने पर आईपीके की टीम को पता चला कि अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. दिलीप भार्गव के भाई की तबीयत काफी खराब है, जिनकी तीमारदारी में डॉक्टर साहब लगे हुए हैं। डॉ. भार्गव की अनुपस्थिति में अस्पताल मनमाने रूप से चल रहा है।

कोरोना हेल्प डेस्क पर सन्नाटा

स्वास्थ्य केंद्र पर कोरोना हेल्प डेस्क बनाया गया है, लेकिन यह सिर्फ शोपीस ही साबित हो रहा है। पड़ताल के दौरान हेल्प डेस्क पर पूरी तरह सन्नाटा दिखा। अस्पताल के अंदर प्रवेश करने से पहले हाथों को न तो सेनेटाइज करने की कोई व्यवस्था दिखी और न ही तापमान मापने के कोई उपकरण। यही नही अस्पताल आने वाले लोगों की किसी रजिस्टर पर एंट्री भी नहीं की जा रही थी। यही नही टीकाकरण के बाद आब्जर्वेशन में रखने का इंतजाम तो यहां दिखा, लेकिन लोगों को एक-दूसरे के समीप ही बिठाया गया था। ऐसे में यहां पर गाइडलाइन्स की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही है, पर जिम्मेदार मूकदर्शक बने हुए है।

कच्छप गति से हो रहा टीकाकरण

कोरोना का संक्रमण जिस रफ्तार से बढ़ रहा है, उसकी अपेक्षा टीकाकरण काफी धीमी गति से हो रही है। यदि टीकाकरण की गति को कच्छप गति से तुलना की जाए तो अतिशयोक्ति नही होगी। अस्पताल में कोरोना का टीका लगवाकर आब्जर्वेशन में आधे घंटे बिता रहे लोग और टीके का इंतजार कर रहे लोगों की संख्या बराबर है। यहां पर जो लोग टीकाकरण के लिए आ रहे हैं, उनके रजिस्ट्रेशन के लिए कर्मचारियों को लैपटॉप या कम्प्यूटर नही मिला हुआ है वह अपने मोबाइल से ही यह काम कर रहे हैं। इस वजह से भी टीकाकरण में काफी समस्या आ रही है।

बिना जरूरी ऐहतियात लगाया जा रहा कोरोना टीका

चिकित्सा अधीक्षक की अनुपस्थिति में यहां कोरोना का टीका लगाने वाली टीम ने अपनी सुरक्षा के लिए जरूरी इंतजाम भी नहीं किए थे। सेनेटाइजर और ग्लब्स को छोड़कर उन्होंने पीपीई किट भी नहीं पहन रखी थी। पुरानी वाली बिल्डिंग में चल रहे कोरोना टीकाकरण की टीम ने भी पीपीई किट नहीं पहन रखी थी।

दवाओं की बेहद कमी

अस्पताल दवाओं की कमी से जूझ रहा है। स्वास्थ्य केंद्र पर एक महिला मरीज ने बताया कि यहां पर पूरी दवाएं कभी नही मिलती। कुछ न कुछ दवाएं बाहर से लेनी ही पड़ती है। औषधि केंद्र अधिकारी ने बताया कि हमारे यहां पर कुछ बेहद जरूरी दवाएं उपलब्ध नहीं हैं। महिलाओं को दी जाने वाली कैल्शियम की गोलियां, बी काॅम्प्लेक्स जैसी सामान्य दवाएं यहां उपलब्ध हैं, लेकिन अस्कासोल सिरप जैसे जरूरी दवाओं की कमी बनी हुई है।

हैंडपंप के सहारे बुझ रही प्यास

स्वास्थ्य केंद्र पर आने वाले मरीजों को हैंडपंप के सहारे ही अपनी प्यास बुझानी पड़ रही है। अस्पताल द्वारा लोगों को शुद्ध पेयजल पीने को लेकर जागरूक किया जाता है, लेकिन यहां पर प्यास बुझाने के लिए एक नल लगा हुआ है।

नजर ही नही आया शौचालय

लोगों को स्वच्छता का पाठ पढ़ाने वाले इस स्वास्थ्य केंद्र में स्वच्छता का जमकर माखौल उड़ाया जा रहा है। यहां अस्पताल परिसर तो साफ-सुथरा दिखा, लेकिन शौचालय कहीं नजर ही नही आया। एक कर्मचारी से जब शौचालय के बारे में पूछा गया तो उसने बाहर जाने की सलाह दे डाली। ऐसे में यहां पर मरीजों व तीमारदारों को निवृत्त होने के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है।

यह भी पढ़ेंः-सीएम योगी ने किया ‘लालजी टंडन बहुद्देशीय हॉल’ का लोकार्पण, कहा- वे ‘चलता फिरता लखनऊ’ थे

वर्जन

डॉक्टरों की कमी तो हर जगह है, लेकिन सीमित संसाधनों में मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधा देने की कोशिश कर रहे हैं। मैं लोगों से अपील करूंगा कि वो कोरोना का टीका लगवाने जरूर आएं, इसका कोई गंभीर साइड इफेक्ट नहीं।
डॉ. दिलीप भार्गव
चिकित्सा अधीक्षक
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, गुडम्बा