Wednesday, October 16, 2024
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यूपी की शानदार उपलब्धि, अप्रैल 2021 से मार्च 2022 के दौरान बढ़ा 30 फीसद निर्यात

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लखनऊः वैश्विक महामारी कोरोना के बावजूद निर्यात के लिहाज से उत्तर प्रदेश के लिए 2021-2022 शानदार रहा। अप्रैल 2020-2021 से लेकर मार्च 2021-2022 के दौरान यूपी का निर्यात एक लाख सात हजार 423.5 करोड़ से बढ़कर एक लाख 40 हजार 123.5 करोड़ रुपये हो गया। समग्रता में यह करीब 30 फीसद की वृद्धि है। इस निर्यात में एक जिला, एक उत्पाद (ओडीओपी) से जुड़े वस्तुओं की है।

ओडीओपी में अर्थव्यवस्था का ग्रोथ इंजन बनने की क्षमता
जनवरी 2018 में उत्तर प्रदेश के प्रथम स्थापना दिवस पर लांच की गई मुख्यमंत्री की फ्लैगशिप योजना ओडीओपी की निर्यात में हिस्सेदारी खुद में उल्लेखनीय है। यह इस बात का भी संकेत है कि आने वाले समय में ओडीओपी उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था का ग्रोथ इंजन बन सकता है। यही नहीं उत्तर प्रदेश ने वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी का जो लक्ष्य रखा है। उसमें भी ओडीओपी की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। इसके मद्देनजर काम भी जारी है। मसलन जिलों के उत्पादों के अनुसार वहां एक ही छत के नीचे इन उत्पादों से जुड़े सभी स्टेकहोल्डर्स के हित के मद्देनजर कॉमन फैसिलिटी सेन्टर बनाए जा रहे हैं। इनमें से पांच तो बनकर तैयार हैं। कुछ जल्द ही बनकर तैयार हो जाएंगे। कुछ जिलों के सीएफसी का शीघ्र लोकार्पण भी होना है।

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पांच साल में निर्यात दोगुना करने का लक्ष्य
ओडीओपी की संभावनाओं के ही मद्देनजर सरकार ने अगले पांच साल में इसके निर्यात और इससे सृजन होने वाले रोजगार का लक्ष्य दोगुना रखा है। मालूम हो कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पहले कार्यकाल में ओडीओपी से करीब 25 लाख लोगों को स्थानीय स्तर पर रोजगार, स्वरोजगार मिला था। योगी सरकार-02 का लक्ष्य अगले पाँच सालों में निर्यात के साथ-साथ रोजगार अथवा स्वरोजगार के अवसर को दोगुना करने का है। अपर मुख्य सचिव एमएसएमई नवनीत सहगल ने बताया कि मुख्यमंत्री की मंशा के अनुसार ओडीओपी के जरिए अगले पांच साल में ओडीओपी उत्पादों का निर्यात एवं रोजगार, स्वरोजगार के अवसरों को दोगुना करने का नियोजित प्रयास जारी है। कुछ जिलों में दूसरे उत्पादों को भी ओडीओपी योजना के तहत चुना गया है। ओडीओपी से जुड़े सभी हितधारकों के मद्देनजर ऐसे साभी जिलों में सीएफसी बनने हैं। पांच बनकर तैयार हैं। कुछ निर्णाधीन है। कुछ मंजूरी की प्रक्रिया मे हैं। ओडीओपी के उत्पाद राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय बाजार में दाम और गुणवत्ता में प्रतिस्पर्धी हों इसके लिए चरणबद्ध तरीके से प्रशिक्षण का काम भी जारी है।

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