कोलकाताः राजभवन ने मंगलवार को कहा कि पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी वी आनंद बोस (West Bengal Governor C V Anand Bose) ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee ) से उनके उस बयान पर रिपोर्ट मांगी है, जिसमें उन्होंने कहा था कि वह हिंसा प्रभावित बांग्लादेश से आए लोगों को “आश्रय” मुहैया कराएंगी। राजभवन मीडिया सेल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि केंद्र सरकार को विदेश मामलों को संभालने का अधिकार है।
मांगी पूरी रिपोर्ट
उन्होंने लिखा, “विदेश से आने वाले लोगों को आश्रय देने का मामला केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है। किसी मुख्यमंत्री द्वारा इस तरह की सार्वजनिक घोषणा कि वह विदेशी नागरिकों को आश्रय देने की जिम्मेदारी ले रही है, संविधान के गंभीर उल्लंघन का संकेत है।’ पोस्ट में आगे लिखा गया है, इस स्थिति में राज्यपाल ने मुख्यमंत्री से संविधान के अनुच्छेद 167 के तहत एक व्यापक रिपोर्ट देने को कहा है कि किस आधार पर ऐसी सार्वजनिक घोषणा की गई है? राज्यपाल ने कहा है कि मुख्यमंत्री ने केंद्र की मंजूरी के बिना ऐसी टिप्पणी क्यों की? उन्होंने यह भी कहा है कि देश में इस तरह की घुसपैठ से बंगाल के सीमावर्ती क्षेत्रों में सामान्य जीवन प्रभावित न हो और राज्य का जनसांख्यिकीय संतुलन प्रभावित न हो, इसके लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं।
क्या कहा सीएम ममता ने?
मुख्यमंत्री ने कहा, मुझे बांग्लादेश के मामलों पर नहीं बोलना चाहिए, क्योंकि यह एक संप्रभु राष्ट्र है और इस मुद्दे पर जो कुछ भी कहने की जरूरत है, वह केंद्र का मामला है। लेकिन मैं आपको बता सकती हूं कि अगर असहाय लोग पश्चिम बंगाल का दरवाजा खटखटाते हैं, तो हम उन्हें निश्चित रूप से आश्रय देंगे। उन्होंने यह बात रविवार को कोलकाता में टीएमसी की ‘शहीद दिवस’ रैली में कही। वहीं, भाजपा ने उनके बयान की कड़ी आलोचना की है और इसे भारत में अवैध प्रवासियों को बसाने की इंडी गठबंधन की नापाक योजना बताया है। बनर्जी ने अपने बयान के समर्थन में कहा, ऐसा इसलिए है क्योंकि अशांति वाले इलाकों के आसपास के इलाकों में शरणार्थियों को ठहराने के लिए संयुक्त राष्ट्र का प्रस्ताव है।
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तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ने कहा, हम रक्तपात देखकर दुखी हैं और मेरी संवेदनाएं मरने वाले छात्रों के साथ हैं। बनर्जी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर लिखा, संकटग्रस्त बांग्लादेश से सैकड़ों छात्र और अन्य लोग पश्चिम बंगाल/भारत लौट रहे हैं। मैंने अपने राज्य प्रशासन से लौटने वालों को हर संभव मदद मुहैया कराने को कहा है।
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