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लेखिका अपने लेखन में दें क्रांतिकारियों को अग्रणी स्थान : मंत्री उषा ठाकुर

भोपाल: प्रदेश की पर्यटन, संस्कृति और आध्यात्म मंत्री उषा ठाकुर ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर लेखिकाओं को अपने लेखन में क्रांतिकारियों को अग्रणी स्थान देना चाहिए। इससे आगे आने वाली पीढ़ी भारत के वीर महापुरुषों और क्रांतिकारियों के योगदान से परिचित हो सकेगी।

संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर सोमवार को मानस भवन में हिंदी लेखिका संघ के 26वें स्थापना दिवस समारोह को टेलिफोनिक संबोधित कर रही थी। उन्होंने कहा कि मातृशक्ति तो राष्ट्र की आधार शक्ति है। आप जैसा चाहेंगी, आगे वाली पीढ़ी वैसी ही निर्मित होगी। उन्होंने सम्मानित हो रहे सभी बच्चों को बधाई दी और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

पूर्व सांसद एवं कार्यकारी अध्यक्ष, मानस भवन रघुनन्दन शर्मा ने कहा कि सभी लेखिकाओं की जिम्मेदारी है कि अपनी कलम के जरिए हिंदुस्तान के सभी परिवारों, समाज एवं पूरे देश को जोड़ने के लिए प्रेरित करे। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अनुराधा शंकर ने कहा कि पाठन और लेखन दोनों अद्भुत हथियार है, इसके माध्यम से हम कई जीवन जी लेते हैं। उन्होंने कहा कि भारत माता का आशय भारत भूमि पर रहने वाले हर जीव-जंतु से है। इसलिए जब आप भारत माता की जय बोलते हैं तो सभी के कल्याण की कामना करते हैं।

साहित्य अकादमी निदेशक डॉ. विकास दवे ने कहा- सभी नारी शक्ति माँ मदालसा का अनुकरण करें। उन्होंने महिला लेखिकाओं की लेखनी से भावी पीढ़ी में देश-प्रेम और राष्ट्रभक्ति की सरिता प्रवाहित करने का आव्हान किया। संघ की अध्यक्ष अनीता सक्सेना ने कहा कि अमृत महोत्सव हमारे भविष्य के निर्माता बच्चों के बौध्दिक और व्यक्तित्व में सहायक होगा।

कार्यक्रम में ‘शैशव की गिन्नियाँ’ पुस्तक का लोकार्पण और लेखिका संघ द्वारा कराई गई विभिन्न प्रतियोगिता में लेखिकाओं एवं बच्चों को पुरस्कार दिए गए। काव्य पाठ और तात्कालिक भाषण प्रतियोगिता के विजेता अविरल तिवारी, नियती सिंह, प्रदुम अग्रिहोत्री, अम्बर जैन, अनेश्वरी राव, रोहिणी वर्मा, विनीता अहिरवार, आद्या भारती, अर्पित बुंदेला, युमना खान, विभोर श्रीवास्तव को पुरस्कृत किया गया।

कंठस्थ काव्य पाठ प्रतियोगिता एवं संस्मरण प्रतियोगिता की विजेता डॉ. रंजना शर्मा, उषा चतुर्वेदी, जयप्रभा यादव, सुनीता मिश्रा, महिमा वर्मा, डॉ. कुंकुम गुप्ता सुधा दुबे, अर्पणा शर्मा, संध्या शर्मा, मधुलिका सक्सेना, डॉ. प्रीति प्रवीण खरे, डॉ. नीलिमा रंजन, मधु सक्सेना, उषा चतुर्वेदी, बलजीत सलूजा, डॉ. विनीता राहुरिकर, सुधा दुबे, पुष्पा शर्मा, जनक कुमारी बघेल को भी पुरस्कृत किया गया। सभी विजेताओं को पुरस्कार स्वरूप स्मृति चिन्ह और प्रशस्ति पत्र भेंट किये गए।

इसके साथ ही सारस्वत मंच की संचालक आशा सक्सेना, विजय रायकवार, शेफालिका सक्सेना, कलामंच की संचालक नविता जौहरी, पाठक मंच की संचालक शोभा शर्मा, मधुलिका सक्सेना एवं फेसबुक समूह संचालक महिमा वर्मा, डॉ. मीनू पांडेय को सम्मानित किया गया।

रिद्धि-सिद्धि ग्रुप द्वारा स्वाधीनता सेनानियों की एवं कला मंच द्वारा वारली आर्ट में रामायण के चित्रों की प्रदर्शनी भी लगाई गई। कार्यक्रम का संचालन शशि बंसल और आभार प्रदर्शन राधारानी चौहान ने किया। कार्यक्रम में भोपाल की अनेक संस्थाओं के संचालक एवं साहित्यकार उपस्थित रहे। समारोह का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।

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