बेगूसरायः केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने राजद-जदयू गठबंधन को ‘रोजाना जंगलराज का यूनाइटेड डर’ बताते हुए नीतीश कुमार पर जोरदार हमला किया है। इसके साथ ही गिरिराज सिंह ने बिहारवासियों के नाम एक बार फिर खुला पत्र लिखकर नीतीश कुमार और लालू यादव की दोस्ती पर बड़ा सवाल उठाया है। गिरिराज सिंह ने कहा है कि राजद मतलब रोजाना जंगलराज का डर और जदयू मतलब जंगलराज दुबारा यूनाइटेड है। नीतीश कुमार का संपूर्ण राजनीतिक कैरियर ही ऐसा रहा है। कुछ नया नहीं कर पाने की स्थिति, अकाउंटेबिलिटी और एंटी-इनकंबेंसी से बचने के लिए वह पार्टनर बदल लेते हैं। अपने दम पर सीएम नहीं बन सकते, पीएम का सपना देख रहे हैं, नीतीश किसी के नहीं सिर्फ कुर्सी के हैं। तीन अगस्त 2017 को लालू यादव ने कहा था नीतीश सांप है जैसे सांप केंचुल छोड़ता है, वैसे ही नीतीश भी केंचुल छोड़ता है और हर दो साल में सांप की तरह नया चमड़ा धारण कर लेता है, किसी को शक। लेकिन आज वही सांप लालू यादव के घर में घुस गया है।
Dear Bihari & well wishers of Bihar,
— Shandilya Giriraj Singh (@girirajsinghbjp) August 7, 2015
My open letter is 4 u all to expose NItish & Lalu's greed 4 power
Plz Mass RT pic.twitter.com/W8pyswTiJD
गिरिराज सिंह ने कहा है कि बिहार की ओजस्वी मेधा और मेहनतकश भुजाओं ने प्रत्येक युग में भारत को समृद्ध बनाया है। क्या बिहार की ऐसी महान धरती की संतानें घटिया, स्कैंडलस, गिरगिट की तरह रंग बदलने वाली, ढोंगी, अहंकारी, लालची और महाठग है। क्योंकि यह सभी तमगा नीतीश कुमार को उनके जिगरी दोस्त बने लालू प्रसाद यादव ने दिए हैं। नीतीश कुमार का मानना है कि बिहार उनसे शुरू होकर उन पर ही खत्म हो जाता है, इसलिए यदि उन्हें कुछ कहा गया तो क्या वह बिहार की तमाम जनता पर लागू होगा? बिहार की जनता का इस तरह घोर अपमान करने के लिए क्या वे लालू यादव को पत्र लिखेंगे? लालू यादव ने 16 अगस्त 2012 को नीतीश के डीएनए पर कहा था कि जिस तरह गिरगिट रंग बदलता रहता है, वैसे ही नीतीश कुमार समय-समय पर सुविधा के ख्याल से रंग बदलते रहते हैं। नीतीश कुमार इतना घटिया, पागल हो गया हैं। नीतीश कुमार ने भी समय-समय पर लालू यादव को बड़बोला और कांग्रेस की गोद में खेलने वाला बताया था, लेकिन आज वो किसकी गोद में बैठे हैं। छह अक्टूबर 2012 को नीतीश कुमार ने कहा था कि 15 साल के पति-पत्नी की सरकार ने बिहार को बर्बाद करके रख दिया। क्या नीतीश बिहार को एक बार फिर बर्बादी के उन्हीं दिनों की ओर नहीं ढ़केल रहे हैं।
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इन दोनों नेताओं ने एक-दूसरे को जो कहा वह अवसरवादी राजनीति के तहत कहा और उसका यह मतलब नहीं कि बिहार की जनता भी वैसी है। अपने पसीने से देश को सींचने वाले बिहार के लोगों के बारे में ऐसा सोचना भी पाप है। भारतीय जनता पार्टी के लिए सत्ता बिहार से बढ़कर नहीं है। अगर ऐसा होता तो विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी होने के बाद भी भाजपा मुख्यमंत्री का पद नीतीश कुमार को नहीं देती। भाजपा ने कभी बिहार की विकास यात्रा का श्रेय लेने की कोशिश नहीं की। भाजपा ने सत्ता या ठेकेदारी की जगह बिहार की सेवा को चुना। यही वजह थी कि भाजपा चुनाव तो कम सीटों पर लड़ती थी, लेकिन उसके ज्यादा विधायक जीतकर आते थे। आज पूरी दुनिया भारत की ओर देख रही है और भारत की उम्मीद बिहार पर टिकी हैं। यदि बिहार उठ गया, बिहार जाग गया तो भारत को आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता। विश्वास है कि बिहार की जनता जागने और जगाने का फैसला करेगी। गिरिराज सिंह द्वारा बिहारवासियों के नाम लिखा गया यह खुला पत्र सोशल मीडिया पर काफी तेजी से शेयर हो रहा है।
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